नई दिल्ली। अपने ग्राहक बढ़ाने के लिए आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्‍वीरों का इस्‍तेमाल नहीं कर सकते। यदि आप ऐसा बिना किसी अनुमति के करते हैं तो यह गैरकानूनी है। रिलायंस जियो ने अपने सिम का प्रचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो का इस्तेमाल बिना इजाजत किया था जिसके लिए उसे 500 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों और नामों के गलत इस्तेमाल को लेकर बने 1950 के कानून के तहत ये जुर्माना लगाया जा सकता है।

सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने लिखित में जवाब दिया कि विज्ञापन में पीएम मोदी की फोटो के इस्तेमाल को लेकर पीएमओ ने कोई इजाजत नहीं दी थी। हालांकि, रिलाइंस जियो ने अभी तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

समाजवादी पार्टी से सांसद नीरज शेखर के सवाल का जवाब देते हुए राठौड़ ने माना कि सरकार को पता था कि रिलायंस जियो ने पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल किया था। निजी कंपनी द्वारा इस तरह पीएम की फोटो का इस्‍तेमाल विज्ञापन में करने पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे।

रिलायंस जियो के बाद पेटीएम ने भी विज्ञापन में पीएम मोदी के फोटो का इस्तेमाल किया था। 500 और 1,000 रुपये बंद होने पर ऑनलाइन पेमेंट सर्विस देने वाली सबसे बड़ी कंपनी पेटीएम के कारोबार में 435 फीसदी का उछाल आया है और पेटीएम प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले को भुनाने में कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। रिलायंस जियो की तर्ज पर पेटीएम ने हिंदी और अंग्रेजी के कई अखबारों में पहले पन्ने पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर के साथ फुल पेज के विज्ञापन छपवाए थे। पेटीएम ने चालाकी से प्रधानमंत्री को अपने ब्रांड एम्बेसडर के तौर पर पेश किया है।

विपक्ष को जवाब देते हुए राठौड़ ने कहा कि कंज्यूमर अफेयर्स, फूड ऐंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन मिनिस्ट्री की ओर से राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों और नामों के गलत इस्तेमाल के मामलों की निगरानी की जाती है। पीएम मोदी के फोटो के गलत इस्तेमाल को लेकर अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है। यदि विज्ञापन में किसी भी तरह से कानून का उल्लंघन पाया जाता है तो जरूरी कदम उठाएंगे।