भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली छह पनडुब्बियों से जुड़े दस्तावेज लीक हो गए हैं। विदेशी मीडिया के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक उसे पनडुब्बी से जुड़ी गोपनीय जानकारी वाले लीक हो चुके 22,400 पृष्ठ, जिन पर ‘रेस्ट्रिक्टिड स्कॉरपीन इंडिया’ (Restricted Scorpene India) लिखा हुआ है, पढ़ने का मौका मिला है। ये पृष्ठ दरअसल पनडुब्बी के संचालन के लिए बनाए गए पूर्ण दस्तावेज़ (ऑपरेटिंग मैनुअल) का हिस्सा हैं।

लीक की खबर के बाद से भारतीय नौसेना में खलबली मची हुई है। ये मामला अब पीएमओ तक जा पहुंचा है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस मामले पर नेवी चीफ से रिपोर्ट मांगी है।

खबरों के मुताबिक इस मामले से संबंधित दस्तावेज एक फ्रांसीसी कंपनी से लीक हुए हैं। पर्रिकर ने कहा कि यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर किस तरह का डाटा लीक हुआ है। फ्रांस ने भी इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

खबरों के मुताबिक जो डाटा लीक हुआ है, वह स्कॉर्पियन क्लास पनडुब्बी का है। जिसे फ्रांस के शिपबिल्डर डीसीएनएस ने भारत के लिए डिजाइन किया था। भारत की संवेदनशील स्कॉर्पियन पनडुब्बी की लड़ाकू क्षमताओं से जुड़े दस्तावेजों के लीक होने की जानकारी ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने दी है।

3.5 अरब अमेरिकी डॉलर के इस सौदे के तहत बनने वाली कुल छह पनडुब्बियों में से पहली आईएनएस कलवरी इस समय मुंबई में बनाई जा रही है। इन पनडुब्बियों को अपनी तरह की पनडुब्बियों में सबसे आधुनिक माना जाता है। ये पानी के भीतर इतनी कम आवाज़ करती हैं कि इनकी भनक लगना नामुमकिन न सही, बेहद मुश्किल ज़रूर होता है।

फिलहाल इस बात को लेकर संशय बना हुआ कि दस्तावेज़ भारत में लीक हुए या फ्रांस में । दैनिक पत्र के अनुसार डीसीएनएस का कहना है कि संभव है कि दस्तावेज़ भारत में लीक हुए हों, फ्रांस में नहीं। हालांकि दैनिक पत्र ने कहा कि इन दस्तावेज़ों के बारे में माना जाता है कि वे साल 2011 में फ्रांस से ही उस पूर्व फ्रांसीसी नौसेनाधिकारी ने निकाले, जो उस वक्त डीसीएनएस का सब-कॉन्ट्रैक्टर था।

गौरतलब है कि इसी पनडुब्बी के अन्य वेरिएंट मलेशिया और चिली इस्तेमाल करते हैं, और ब्राज़ील भी 2018 में इन्हीं को तैनात करने वाला है। इसके अलावा इसी साल अप्रैल में ऑस्ट्रेलिया ने भी डीसीएनएस के साथ 50 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का सौदा किया है, ताकि वह उनके लिए अगली पीढ़ी की कही जाने वाली पनडुब्बियां डिज़ाइन कर बना सके।