नई दिल्ली।

विश्‍व की वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर भारत अपनी सामरिक ताकत को दिनोंदिन विकसित कर रहा है। उसने सोमवार को ओडिशा तट से जमीन-से-हवा में कम दूरी तक मार कर सकने वाली स्वदेशी मिसाइल का सफल परीक्षण किया। इस क्विक रिएक्शन मिसाइल (क्यूआरएसएएम) का यह दूसरा परीक्षण है, जिसकी क्षमता 20 किलोमीटर के दायरे में मार करने की है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सोमवार को सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर चांदीपुर के पास एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के लॉन्च कॉम्पलेक्स संख्या तीन से अत्याधुनिक मिसाइल का परीक्षण किया गया। हवा में मौजूद लक्ष्य को निशाना बनाकर दागी गई इस अत्याधुनिक मिसाइल का यह दूसरा विकास परीक्षण था। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और अन्य संस्थानों ने यह मिसाइल विकसित की है।

इस मिसाइल का पहला परीक्षण चार जून 2017 को इसी प्रक्षेपण स्थल से किया गया था। यह मिसाइल कई लक्ष्यों को एक साथ साधने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता 25 से 30 किलोमीटर तक है। इसमें हर मौसम में काम करने वाली हथियार प्रणाली लगी है।

इसके प्रदर्शन और प्रणोदन क्षमता की जांच के लिए इसका दूसरी बार परीक्षण किया गया है। यह मिसाइल 20 किलोमीटर के दायरे में घातक प्रहार कर सकती है। मिसाइल की खासियत ये है कि यह बिना भटके एक साथ कई लक्ष्यों को सफलता के साथ साध सकती है।

इसके अलावा इस मिसाइल को हर मौसम में काम करने वाली प्रणाली से लैस किया गया है। सूत्रों के अनुसार डीआरडीओ ने कई अन्य संस्‍थानों के साथ मिलकर इस मिसाइल का परीक्षण किया है। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (क्यूआर-एसएएम) के सफल परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को बधाई दी है। उन्‍होंने कहा है कि इससे भारत की ताकत बढ़ेगी।

डीआरडीओ ने बताया कि यह भारत और इजराइल के संयुक्त प्रयास से तैयार की गई है। यह मिसाइल नौ किलोमीटर ऊंचाई और 30 किलोमीटर की दूरी तक किसी भी लक्ष्य को भेद सकती है। ये मिसाइल दुश्मन के विमान को आसानी से अपना निशाना बना सकती है। इस मिसाइल का वजन 275 किलोग्राम है।