उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने बीफ खाने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कहना है कि अगर किसी को बीफ पसंद है, और वो खाना चाहता है तो खाए। लेकिन उसके लिए फेस्टिवल मनाने की क्या जरूरत है।

मुंबई के आर ए पोद्दार कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकनॉमिक्स के प्लैटिनम जुबली के मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने भाषण में कहा कि देश में 740 यूनिवर्सिटी हैं जिसमें 730 यूनिवर्सिटी शांतिपूर्वक रहती हैं। लेकिन 7,8 यूनिवर्सिटी हैं जो अक्सर बेवजह के विवादों में उलझी रहती हैं और खबरों में रहती हैं। कुछ जगह बीफ फेस्टिवल मनाते हैं। अगर आपको बीफ खाना है तो खाइए, इसके लिए कॉलेज में बीफ फेस्टिवल की क्या जरूरत है। इसी तरह ‘किस’ फेस्टिवल मनाते हैं। अगर आपको किसी को ‘किस’ करना है तो, जिसे किस करना है उससे पूछ लीजिए और कीजिए किस, उसके लिए कॉलेज में फेस्टिवल की क्या जरूरत है।

वेंकैया नायडू ने धर्मनिरपेक्षता पर बोलते हुए कहा कि भारत की संस्कृति और हिन्दू मान्यताएं सबको स्वीकार करती हैं, हम किसी पर हमला नहीं करते। कुछ लोग कहते ये सब धर्मनिरपेक्षता की वजह से है, लेकिन ये धर्मनिरपेक्षता भारत में संविधान या किसी पार्टी की वजह से सुरक्षित नहीं है, ये इसलिए सुरक्षित है क्योंकि ये भारत के हर नागरिक के DNA में है।

ये पहली बार नहीं है जब वेंकैया नायडू ने बीफ को लेकर इस तरह का बयान दिया है। जब वो केंद्रीय मंत्री थे तब उन्होंने 6 जून 2017 को कहा था कि वह खुद भी मांसाहारी हैं और भोजन हर व्यक्ति की अपनी पसंद का मामला है।