गोरखपुर।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफील खान पर आरोप है कि वह अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर चुराकर अपने निजी क्लीनिक पर उसका इस्तेमाल करते थे। कफील और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा के बीच गहरी साठगांठ थी और दोनों इस हादसे के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार बताए जा रहे हैं। यही नहीं, डॉ. कफील अपना ज्‍यादातर समय अपनी निजी क्‍लीनिक में बिताते थे और उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को मेडिकल कॉलेज की वस्‍तु स्थिति से अवगत नहीं कराया था।

बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को कई बच्चों की मौत पर हंगामा मच गया। बताया गया कि ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों की कमी से अस्पताल में बच्चों की मौत हुई जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है।

घटना के बाद यह बात सामने आई थी कि मेडिकल कॉलेज के डॉ. कफील खान ने मुश्किल समय में ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाए और मरीजों की मदद की। अब कफील से जुड़ी कई नई बातें सामने आ रही हैं, जो कि बिल्कुल अलग कहानी बयां करती हैं।

मेडिकल कॉलेज से जुड़े कई लोगों ने उन मीडिया रिपोर्टों पर हैरानी जताई है, जिनमें कफील को किसी फरिश्ते की तरह दिखाया गया है। सच्चाई बिल्कुल अलग है। डॉ. कफील बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इन्सेफेलाइटिस डिपार्टमेंट के चीफ नोडल ऑफिसर होने के बावजूद मेडिकल कॉलेज से ज्यादा अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए जाने जाते हैं।

उनपर आरोप है कि वह अस्पताल से ऑक्सीजन सिलेंडर चुराकर अपने निजी क्लीनिक पर इस्तेमाल किया करता थे। कफील और प्रिंसिपल राजीव मिश्रा के बीच गहरी साठगांठ थी और दोनों इस हादसे के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। लेकिन हादसे के बाद से ही उन्हें फरिश्ते की तरह दिखाया गया था, कहा जा रहा है कि इसमें उन्होंने अपने पत्रकार दोस्तों की मदद ली।

मेडिकल कॉलेज के कई कर्मचारियों और डॉक्टरों ने इस बात की पुष्टि की है कि डॉक्टर कफील वहां होने वाली हर खरीद में कमीशन लेता था और उसका एक तय हिस्सा प्रिंसिपल राजीव मिश्रा तक पहुंचाता था। ऑक्सीजन कंपनी पुष्पा सेल्स के साथ चल रहे विवाद में भी राजीव मिश्रा के साथ कफील का बड़ा हाथ था।

डॉ. कफील मेडिकल कॉलेज की खरीद कमेटी का मेंबर हैं,  उन्हें भी ऑक्सीजन सप्लाई की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी थी। 2 दिन पहले जब सीएम योगी आदित्यनाथ मेडिकल कॉलेज के दौरे पर आए थे तो वे भी उनके इर्द-गिर्द घूम रहे थे, लेकिन ऑक्सीजन की बकाया रकम के बारे में कोई जानकारी नहीं दी।

मेडिकल कॉलेज के कुछ कर्मचारियों से पता चला है कि शुक्रवार को जब बच्चों की मौत की खबर पर हंगामा मचा तो कफील अपने प्राइवेट अस्पताल में थे। वहां से उन्होंने कुछ सिलेंडरों को अस्पताल भिजवा दिया, क्योंकि ये वही सिलेंडर थे जो वह खुद मेडिकल कॉलेज से चोरी करके ले गए थे। उन्होंने मीडिया को बताया कि इन सिलेंडरों का इंतजाम उन्होंने अपनी जेब से किया है जबकि ऐसा कुछ नहीं था।