आगरा। बदजुबानी नेताओं पर भारी पड़ रही है। एक ओर दयाशंकर को मायावती पर टिप्‍पणी का खामियाजा भुगतना पड़ा है तो दूसरी ओर बसपा के सम्‍मेलन को संबोधित करने आगरा आ रहे बसपा के राष्‍ट्रीय महा‍सचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी को लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। स्‍वाति समर्थकों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया। पत्थर और डंडों से हमले के दौरान काले झंडे भी दिखाए गए। नारेबाजी और विरोध के साथ कुछ लोगों ने सड़क पर लेटकर उनके काफिले को रोकने की कोशिश की। इस सिलसिले में पुलिस ने आठ उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि पथराव करने वाले लोग क्षत्रिय महासभा के थे। वे दयाशंकर सिंह प्रकरण में नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बयान से खफा हैं। माना जा रहा है कि दयाशंकर सिंह की पत्नी और बेटी पर अभद्र टिप्पणी के विरोध में क्षत्रिय महासभा के लोगों ने सिद्दीकी के काफिले पर पत्थर बरसाए हैं। उधर, सिद्दीकी ने हमले को सपा-भाजपा की साजिश करार दिया और कहा कि पुलिस मौके पर मूकदर्शक बनी रही।

स्वाति सिंह के समर्थक आगरा-कानपुर हाइवे पर सुबह आठ बजे से ही आकर जम गए थे। नसीमुद्दीन सिद्दीकी अपने काफिले के साथ दोपहर करीब एक बजे यहां से गुजर रहे थे कि ये लोग हमलावर हो गए और काफिले की गाड़ियों पर इस तरह से डंडे बरसाए कि वाहनों के शीशे टूट गए। भीड़ ने सिद्दीकी का पुतला फूंका और उनके खिलाफ नारेबाजी की। मौके पर मौजूद पुलिस के हस्तक्षेप के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी के काफिले की गाड़ियां निकल पाईं। हालांकि नसीमुद्दीन सिद्दीकी की गाड़ी को हमलावर रोक नहीं पाए और वे निकल गए। एत्मादपुर के एसडीएम पीडी गुप्ता ने बताया कि सिद्दीकी का काफिला शांतिपूर्वक निकल गया है।

बता दें  कि बीएसपी महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी चार जिलों के प्रत्याशियों के साथ बैठक करने के लिए आगरा आ रहे थे। सिद्दीकी ने हमले के बाद कहा, मुझ पर हमला सपा-भाजपा की साजिश है। जिस वक्त हमला हुआ, मेरे काफिले में पुलिस मौजूद थी,  लेकिन मूक दर्शक बनी तमाशा देखती रही। सिद्दीकी ने स्वामी प्रसाद की तुलना कूड़े से की और कहा कि जैसे कूड़े को घर के बाहर निकाला जाता है, वैसे पार्टी ने मौर्या को बाहर किया। सिद्दीकी ने कहा कि स्वाति सिंह पर हमने कुछ भी गलत नही बोला है।