अाेपिनियन पाेस्ट । 

बिहार के मुंगेर जिले में एक बोरवेल में 30 घंटे से फंसी तीन साल की बच्ची सना को बाहर निकाल लिया गया है। इससे पहले राहत एवं बचाव दल उसके पास तक पहुंचा और उसको पानी पिलाया। सना को बोरवेल से निकालने के लिए कल से जिला प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ द्वारा युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया गया। अभी बच्ची को मुंगेर के सदर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उसको प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है।

दरअसल, मुंगेर जिले में तीन साल की छोटी बच्ची सना अचानक बोरवेल में गिर गई थी। बुधवार रात तक राहत एवं बचाव दल काफी मशक्कत के बाद सना तक पहुंचा और उसको पानी पिलाया। बोरवेल के भीतर उसका पांव फंसा हुआ था, जिसकी वजह से बचाव में देरी हुई। बच्ची को बचाने के लिए पहले एसडीआरएफ की टीम वहां मौजूद थी। फिर वहां इस अभियान में एनडीआरएफ की टीम भी शामिल हो गई। शाम को वहां तेज बारिश शुरू हो गई, जिससे बचाव कार्य में बाधा आ रही थी।

घटनास्थल पर एंबुलेंस बुला ली गई। प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया। आसपास के क्षेत्र की बिजली काट दी गई। पुलिस ने सना को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए सड़क खाली करा ली। सभी वाहनों को एक दिशा में चलने का निर्देश दिया गया। इससे पहले सना तक पहुंचने के दौरान बारिश के कारण मिट्टी गीली होने से गड्ढा खोदने में दिक्कत आ रही थी। हालांकि आसपास के इलाके को कवर करने के लिए टेंट और तिरपाल मंगा लिया गया था। साथ ही आसपास खड़े वाहनों को भी वहां से हटा दिया गया था। पूरे ऑपरेशन पर मुंगेर एसपी खुद नजर बनाए रहे।

जिला प्रशासन ने बताया कि राहत एवं बचाव के दौरान बच्ची को लगातार बोरवेल में ऑक्सीजन पहुंचाई गई।इस दौरान स्थानीय सदर अस्पताल के डॉ. फैज़ मौके पर ही मौजूद रहे और लगातार बच्ची की सेहत पर नज़र बनाए रखी।वहां मौजूद SDRF और एनडीआरएफ की टीम भी लगातार सीसीटीवी के जरिए बच्ची पर नज़र बनाए रही। गड्ढे की गहराई करीब 44 फीट बताई जा रही है।दरअसल, मंगलवार को सना शाम तीन बजे के आसपास घर के बोरवेल में गिर गई।बताया जा रहा है कि सना अपनी नानी के यहां आई हुई थी, जिस दौरान ये हादसा हुआ।