नई दिल्ली। मुंबई की विशेष मकोका कोर्ट ने औरंगाबाद में 2006 में बरामद किए गए हथियारों के मामले में सजा का ऐलान कर दिया है। मंगलवार को अदालत ने 26/11 हमलों की साजिश रचने और आर्म्स एक्ट के तहत आरोपों का सामना कर रहे आतंकी अबु जुंदाल को उम्र कैद की सजा सुनाई है। 8 मई 2006 को महाराष्ट्र एटीएस ने औरंगाबाद हाइवे पर चांदवड़ और मनमाड़ के बीच दो कारों से भारी मात्रा में हथियार जब्त किया था। इनमें से एक कार अबु जुंदाल चला रहा था। कारें औरंगाबाद से मालेगांव जा रही थीं। इन कारों से 40 किलो आरडीएक्स, 16 एक 47, 500 ग्रेनेड और 5000 कारतूस मिले थे।

बता दें कि हथियार जब जब्त हुए, उस वक्त जुंदाल गिरफ्तार नहीं हुआ था। वह मालेगांव से फरार होकर पहले बांग्लादेश और फिर वहां से पाकिस्तान पहुंच गया था। सैयद जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य आरोपियों में से एक है। अबु जुंदाल ने ही वहां लश्कर-ए-तैयबा के कैम्प में अजमल कसाब सहित पाकिस्तान से आए सभी आतंकियों को हमले से पहले हिंदी सिखाई थी। आतंकियों को ट्रेनिंग देने के दौरान जुंदाल लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी के साथ काम करता था। जब मुंबई हमलों को अंजाम दिया गया, तब पाकिस्तान में लश्कर के कंट्रोल रूम में अबु भी बैठा हुआ था। इंटेलिजेंस इनपुट में पता चला था कि अबु सऊदी अरब में है। उसे वहां से मई 2013 में डिपोर्ट किया गया था।

छह अन्य दोषियों को भी कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने 2 दोषियों को 14 साल के कारावास की सजा और 3 को 8 साल की सजा सुनाई है। दो लोगों को 14-14 साल की सजा सुनाई गई। 3 को 8-8 साल की सजा हुई है। 12 लोगों को दोषी करार दिया गया था। जुंदाल और उसके साथियों पर नरेंद्र मोदी और प्रवीण तोगड़िया की हत्या की साजिश का भी आरोप है।

सैयद जैबुद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल समेत बिलाल अहमद, सैयद आकिफ, अफरोज खान, फैजल अताउर रहमान, मुहम्मद असलम कश्मीर और मुहम्मद आमिर शेख को उम्रकैद की सजा मिली है। डॉ. मुहम्मद शरीफ और मोहम्मद मुजफ्फर तनवीर को 14-14 साल की सजा सुनाई गई है। मुश्ताक अहमद, जावेद अहमद और अफजल खान को 8-8 साल की सजा सुनाई गई है। लेकिन यह पहले ही 10 साल की सजा काट चुके हैं। लिहाजा, इन तीनों की रिहाई होगी।

मकोका कोर्ट ने 28 जुलाई को कहा था- “यह आतंकी हमले की बड़ी साजिश थी और दोषी इसे जिहाद बता रहे थे। साजिश 2002 गुजरात दंगों के बाद रची गई थी। इसके तहत नरेंद्र मोदी और वीएचपी नेता प्रवीण तोगड़िया की हत्या करने की मंशा थी।”