राकेश चंद्र श्रीवास्तव/सचिन श्रीवास्तव

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा और सपा ने जहां अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं वहीं भाजपा परिवर्तन रैली के जरिये अपनी पैठ मजबूत करने में जुटी है। पांच नवंबर को सहारनपुर, छह नवंबर को झांसी, आठ नवंबर को सोनभद्र और नौ नवंबर को बलिया से परिवर्तन यात्रा की शुरुआत की गई। इन यात्राओं में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, उमा भारती, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर और प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने शिरकत की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ नवंबर को बलिया में, 14 नवंबर को गाजीपुर में, 27 नवंबर को कुशीनगर में और 11 दिसंबर को बहराइच में परिवर्तन यात्रा रैली का आयोजन कर पूर्वांचल के लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का समय आ गया है। इन रैलियों में जुटी लाखों की भीड़ ने यह संकेत दिया कि नोटबंदी से कालेधन और आतंकवाद पर प्रहार करने की मोदी ने जो पहल की है उससे उनकी लोकप्रियता में काफी इजाफा हुआ है।

भाजपा पिछले कई चुनावों में पूर्वांचल में कमजोर साबित हुई है। इसी को ध्यान में रखकर पार्टी ने अगले विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल पर फतह हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। नौ नवंबर को बलिया से चली परिवर्तन यात्रा 19 जिलों के 107 विधानसभा क्षेत्रों से होकर 24 दिसंबर को लखनऊ पहुंची और यहीं इसका समापन हुआ। भाजपा के इस चुनाव में पूर्वांचल को महत्व देने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सूबे के बाकी क्षेत्रों की परिवर्तन यात्राओं में मोदी के सिर्फ एक-एक कार्यक्रम रखे गए मगर यहां उनकी चार रैलियां आयोजित की गर्इं। हालांकि 11 दिसंबर को बहराइच में आयोजित रैली में वे नहीं पहुंच पाए। खराब मौसम की वजह से उनका हेलीकॉप्टर यहां उतर नहीं पाया तो उन्होंने मोबाइल फोन से ही लोगों को संबोधित किया। रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘अब देश ईमानदारी के रास्ते पर चल पड़ा है। बेईमानों की खैर नहीं। वे दो-चार महीने के अंदर कानून के शिकंजे में होंगे।’ मोदी ने उसी शाम सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर बहराइच की जनता से कहा, ‘अत्यंत ठंड के मौसम में बहराइच रैली में आए हुए सभी लोगों का बहुत-बहुत धन्यवाद व आभार। चाहकर भी आप लोगों के बीच न पहुंच पाने की असमर्थता पर मुझे अत्यंत दु:ख है।’ इन रैलियों के अलावा 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री का वाराणसी दौरा भी काफी महत्वपूर्ण रहा। इतनी कम अवधि में प्रधानमंत्री के इन दौरों को भाजपा की चुनावी तैयारियों का सबसे अहम हिस्सा माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजीपुर और कुशीनगर में अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी से कर पूर्वांचल की जनता का मन मोह लिया। कुशीनगर में महात्मा बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली को ‘प्रणाम करत बानी’ कहकर मोदी ने जहां शांति व करुणा का संदेश देने वाली बुद्ध नगरी को प्रणाम किया वहीं जनता से इसी खास अंदाज में कहा, ‘सब काम-धाम, खेती-बाड़ी, जोतनी-बोअनी छोड़ के रउआ लोग यहां आईल बानी, मन गदगद हो गईल।’ इसी तरह गाजीपुर में उन्होंने अपने भाषण की शरुआत भोजपुरी से की तो पूरा सभा स्थल तालियों से गूंज उठा। तीन बार भारत माता की जय बोलने के बाद उन्होंने कहा, ‘इ गाजीपुर राजा गाधि के नगरी ह। महर्षि विश्वामित्र अउरी यमदग्नि ऋषि के भी धरती ह। महान किसान नेता स्वामी सहजानन्द सरस्वती भी एहि धरती पर पैदा भइलन। देश की आजादी खातिर डॉ. शिवपूजन राय सहित आठ शहीद एहि धरती पर कुरबानी देहलन। 1965 के युद्ध में पैटन टैंक के ध्वस्त करके पाकिस्तान के गुमान चूर करे वाले वीर अब्दुल हमीद भी एहि धरती के सपूत रहिलन। इ पवित्र धरती के हम नमन करत बानी। एहि धरती से 5000 से अधिक जवान देश के रक्षा करे खातिर सेना में काम करेलन। इ धरती के बार-बार नमन करत बानी।’ मोदी ने अपने लोक लुभावन भाषण से लोगों के दिल में जगह बना ली। इस दौरान वहां मौजूद लोग उमंग और उत्साह से लबरेज दिखाई पड़े।

बलिया से निकली यात्रा गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, देवरिया, कुशीनगर, गोरखपुर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, गोंडा, बस्ती, संत कबीरनगर, अम्बेडकरनगर, फैजाबाद और बाराबंकी जिलों से होकर लखनऊ पहुंची। इस यात्रा में बलिया, आजमगढ़ और महाराजगंज में अमित शाह, देवरिया, गोंडा और बलिया में कलराज मिश्र, गाजीपुर, बाराबंकी में मनोज सिन्हा, आजमगढ़ में महेंद्र नाथ पांडे, देवरिया, गोरखपुर में महेश शर्मा, सिद्धार्थनगर में राम कृपाल यादव, बस्ती में लक्ष्मीकांत बाजपेयी, अम्बेडकर, फैजाबाद में नितिन गडकरी, बलिया, आजमगढ़, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर में महंत योगी आदित्यनाथ जैसे पार्टी के बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। भाजपा के लिए ये जिले बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ को छोड़कर इन सभी जिलों में भाजपा ने ही परचम फहराया था। विधानसभा चुनाव में 2014 दोहराने के लिए पार्टी ने पहले ही बूथ सम्मेलन, विधानसभा सम्मेलन, महिला, पिछड़ा, युवा और दलित सम्मेलनों के जरिये समीकरण साधने पर चौतरफा जोर दिया है।

भाजपा के प्रदेश मंत्री और बलिया यात्रा के प्रभारी कामेश्वर सिंह ने ओपिनियन पोस्ट को बताया कि 46 दिनों तक चली इस यात्रा ने 4400 किमी की दूरी तय की है। उनका दावा है कि इस बार पूर्वांचल भाजपा के लिए इतिहास रचेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी 21 दिसंबर को परिवर्तन यात्रा फैजाबाद में शामिल हुए। उन्होंने अयोध्या में 250 किमी लंबे 84 कोसी परिक्रमा मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग में बदलने की घोषणा की। पूर्वांचल में गोरक्ष पीठाधीश्वर एवं सांसद महंत योगी आदित्यनाथ भाजपा के लिए महत्त्वपूर्ण और अति प्रभावी हैं जिनकी हिंदूवादी छवि की जनता कायल है। पूर्वांचल के अधिसंख्य जिलों की सीमाएं पड़ोसी देश नेपाल से मिलती हैं। यहां के नवधनाड्य चुनाव में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। हालांकि नोटबंदी के बाद सीमावर्ती क्षेत्र में नवधनाड्यों पर अंकुश लगा है। विधानसभा चुनाव में उनकी क्या भूमिका रहेगी ये देखने लायक होगी।

यूपी की चार दिशाओं से निकली भाजपा की परिवर्तन यात्रा का 24 दिसंबर को लखनऊ में हुए समापन समारोह में राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र, उमा भारती और केशव प्रसाद मौर्य शामिल रहे। चारों यात्राएं यूपी की 403 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरी है। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा, ‘नोटबंदी का फैसला राष्ट्रहित में है। हम देश की आर्थिक विषमता को समाप्त करना चाहते हैं। परिवर्तन यात्रा ने यूपी के 403 विधानसभा क्षेत्रों को मथकर जनता की नब्ज को टटोलने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया है।’