शिष्य संयोग से ही पाता है गुरु को -ओशो ओपिनियन पोस्ट18/07/201624/11/2018 शिष्य गुरु को केवल संयोग से ही पाता है। वह चलता है, गिरता है, फिर-फिर उठ कर खड़ा होता है।…