बीजेपी सांसद साक्षी महाराज महिलाओं पर विवादित बयान देकर चर्चा में हैं। साक्षी महाराज ने कहा है कि इस्लाम में महिलाओं की हालत जूती की तरह है। जब जरूरत पड़े तो पहन लो नहीं तो उतार के बाहर खड़ी कर दो।’ साथ ही उन्होंने कहा कि इसको लेकर अदालत को दखल देना चाहिए। विवादित बयानों के लिए चर्चित साक्षी महाराज ने अपने संसदीय क्षेत्र उन्नाव में यह बयान दिया है।

उन्होंने कहा कि मस्जिदों में महिलाओं को नमाज पढ़ने का हक दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्लाम में महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार मिलने चाहिए। देश को संविधान के हिसाब से चलना चाहिए न कि फतवों से। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के मामले में दखल देते रही अदालत को इस्लाम के मामले में भी दखल देने की जरूरत है।

महाराज ने कहा कि इस्लाम में महिलाओं की हालत बहुत दयनीय है। उन्हें पैर की जूतियों की तरह इस्तेमाल किया जाता है। जब जरूरत हुई तो पहन लिया फिर उतार कर बाहर कर दिया। सरकार और अदालत को इस मामले में आगे बढ़कर दखल देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हर मामले में सिर्फ हिंदुओं को ही निशाना बनाया जाना सही बात नहीं है।

पहले क्या बोले थे साक्षी महाराज?
 इस साल जनवरी में साक्षी महाहाज ने कहा था- ‘राम मंदिर पार्टी के एजेंडा में है और इसका निर्माण 2019 में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव से पहले होगा।’
पिछले साल अक्टूबर में साक्षी महाराज ने गोवध के दोषियों को फांसी का कानून बनाए जाने की आज मांग की थी। साथ ही जम्मू-कश्मीर में एक निर्दलीय विधायक शेख अब्दुल राशिद को बीजेपी एमएलए द्वारा पीटे जाने का सपोर्ट किया था।
अप्रैल 2015 में साक्षी महाराज ने कहा- ‘जब हिन्दू लोग नसबंदी करवाते हैं तो मुसलमानों को भी करवानी चाहिये। देश में सबके लिये एक ही नियम होना चाहिये।’
हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा,‘हम नहीं चाहते कि देश के मुसलमानों और ईसाइयों की नसबंदी करवा दी जाए लेकिन परिवार नियोजन तो सभी को अपनाना चाहिए। हम चार बच्चे पैदा करने की बात कर दें तो बवाल हो जाता है लेकिन चार बीवी और 40 बच्चों से कुछ नहीं होता।’
साक्षी महाराज के इस तरह के बयानों पर नरेंद्र मोदी नाराज बताए गए थे। अमित शाह ने उन्हें तलब भी किया था।