निशा शर्मा।

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री एम जॉन के अचानक इस्तीफ़े के बाद विपक्षी पार्टियों में ही नहीं बल्कि आम जनता में भी खलबली मच गई है। अब हर  कोई यह जॉनना चाहता है कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा?

विशेषज्ञ मानते हैं कि विपक्षी पार्टियों के लिए 2017 के चुनाव में जॉन की एक बड़ा रोड़ा थे, 2017 में जॉन बहुमत से जीत हासिल कर सकते थे। इसकी मुख्य वजह न्यूजीलैंड के लोगों के बीच जॉन की कि अच्छी खासी ख्याति मानी जाती रही है। जॉन के इस्तीफे के बाद विपक्ष आगामी चुनाव में खुद को मजबूत मान रहा है।

कहा जा रहा है कि एक विशेषज्ञ की तरह जॉन ने अपने बचाव का बिल्कुल सही तरीका निकाला है और इस्तीफ़े का मुख्य कारण नहीं बताया। साथ ही कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि जॉन ने इस्तीफ़ा बिल्कुल सही समय पर दिया है। जिसकी वजह से उनके उत्तराधिकारी को पूरा समय मिलेगा और पार्टी के साथ नए उत्तराधिकारी को आने वाले चुनावों के लिए काम करने में आसानी होगी।

पार्टी में जॉन के सालभर के कार्यकाल पर नजर डालें तो जॉन के नेतृत्व में पार्टी ऑकलैंड आवास संकट, गरीब बच्चों, विफल झंड़ा जनमत संग्रह आदि मसलों पर आलोचना झेलती आ रही थी। लेकिन जॉन की ख्याति में कभी कोई कमी नहीं आई।

बारह दिसंबर को मौजूदा सरकार के मंत्रियों की बैठक होगी जिसमें जॉन की के द्वारा प्रस्तावित नाम वित्त मंत्री बिल इंगलिश पर चर्चा होगी और उसी दिन नए प्रधानमंत्री के नाम पर मुहर भी लगा दी जाएगी।

न्यूजीलैंड के राजनीतिक इतिहास में अभी तक ऐसी बहुत कम संभावनाएं रही हैं, जब वर्तमान प्रधानमंत्री ने आगामी प्रधानमंत्री के नाम का प्रस्ताव दिया हो और पार्टी भी एक तरह से सहमत रही हो। इसके पीछे मुख्य कारण यह माना जा रहा है कि पार्टी किसी भी तरह का विपक्षी दबाव नहीं चाहती है। साल 2017 में न्यूजीलैंड में चुनाव होने हैं ऐसे में पार्टी पूरे मनोबल और उत्साह के साथ मैदान में उतरना चाह रही है।

दूसरा वित्त मंत्री के तौर पर इंगलिश राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि इंगलिश के पद छोड़ने के बाद बाजार पर प्रभाव पड़ेगा। वहीं इंगलिश के अलावा अन्य संभावित दावेदार जैसे स्टीवन जॉयस या जूडिथ कोलिन्स पुराने, अनुभवी राजनेताओं के रूप में शामिल हैं।

बिल इंग्लिश के प्रधानमंत्री पद की इच्छा रखने के बावजूद इंग्लिश ने जॉन की को बधाई ही और कहा कि जॉन न्यूजीलैंड के ‘महानतम नेताओं’ में से एक हैं। साथ ही इंग्लिश ने कहा कि यह प्रधानमंत्री के उत्कृष्ट नेतृत्व के लिए एक श्रद्धांजलि है कि उन्होंने अपने पीछे एक जुट टीम को छोड़ा है। ताकि हम न्यूजीलैंड और उनकी राजनीति की विरासत को आगे ले जा पाएं।

न्यूजीलैंड की मौजूदा सरकार के सामने कई चुनौतियां रही हैं जिसमें आवास संकट, गरीब बच्चे इसके बावजूद प्रधानमंत्री जॉन की ख्याति आम लोगों के बीच काफी अच्छी रही है। ऐसे में पार्टी चाहेगी कि उनका अगला उत्तराधिकारी ऐसा व्यक्ति हो जो प्रधानमंत्री की तरह लोगों के बीच लोकप्रिय हो, या ख्याति पाने में कामयाबी हासिल कर सके। ताकि पार्टी भविष्य में होने वाले चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सके और सता में काबिज रह सके।

बता दें कि न्यूजीलैंड के वर्तमान प्रधानमंत्री एम जॉन की ने अचानक इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है, जॉन की ने इसकी ‘पारिवारिक वजह’ बताते हुए कहा कि यह उनके राजनीति छोड़ने के लिए ‘सही समय’ है। करीब आठ साल तक सत्ता में रहने के बाद जॉन की ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

हालांकि उन्होंने पत्रकारों से कहा कि वह संसद में बने रहेंगे ताकि उनकी संसदीय सीट पर उपचुनाव न करना पड़े। की ने वेलिंगटन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, उन्होंने साल 2008 में नेशनल पार्टी के टिकट से चुनाव जीतकर लेबर पार्टी के हेलेन क्लार्क के नौ साल के शासन का अंत किया था।