निशा शर्मा।

किशोर कुमार बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। किशोर हिन्दी सिनेमा में एक ऐसी शख्सियत थे जो गायक थे,संगीतकार थे,गीतकार थे, लेखक थे, निर्माता थे, निर्देशक थे और अभिनेता भी थे। किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में हुआ । किशोर कुमार का बचपन का नाम आभास कुमार गांगुली था। पिता वकील थे कुंज लाल गांगुली और माता का नाम था गौरी देवी। किशोक दा अपने घर में बच्चों में चौथे नंबर पर थे।

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कहा जाता है कि किशोर कुमार की आवाज बचपन से ही सुरीली नहीं है। एक हादसे ने उनकी आवाज में मीठास ला दी थी। एक बार बालक किशोर के पैर में चोट लग गई चोट इस कदर लगी कि पैर की अंगूली एक तरह से अलग ही हो गई थी। किशोर के पैर में दर्द था। जिस दर्द की वजह से किशोर बहुत रोते थे। ऐसा कई दिन चलता रहा । डॉक्टर ने किशोर की अंगूली का इलाज तो कर दिया लेकिन दर्द तो जाते जाते जाना था। ऐसे में किशोर के साथ एक अच्छी चीज़ यह हुई कि उनके गले का रियाज समझिए या कुछ और । किशोर दा कि आवाज़ में एक मिठास आ गई। फिर क्या था। अभिनेता अशोक कुमार के भाई का हुनर दुनिया के सामने आ गया।

किशोर कुमार ने चार शादियां की जिसमें पहली शादी किशोर दा ने रूमा देवी गुहा ठाकुरता से की । इस शादी के लिए किशोर को अपने परिवार से बगावत करना पड़ी थी। क्योंकि रूमा ब्राह्मण परिवार से तालुक रखती थीं जबकि किशोर ब्राह्मण परिवार से थे। रूमा और किशोर कुमार के पुत्र का नाम है अमित कुमार जो एक गायक हैं। रूमा के बाद किशोर कुमार ने अपनी बचपन की दोस्त मधुबाला से शादी की । मधुबाला के देहांत के बाद किशोर कुमार ने योगिता बाली को अपने जीवन संगिनी के तौर पर चुना लेकिन यह शादी बहुत कम समय तक चल पाई। चौथी शादी किशोर कुमार ने लीना चंद्रावरकर से की जो उनकी आखिरी शादी साबित हुई। लीना और किशोर का एक पुत्र भी है जिसका नाम सुमित कुमार है।

किशोर कुमार अपने समय के हर उस स्टार की आवाज बने जो सिनेमा जगत में उस समय सिनेमा के फलक पर चमका। देवानंद हो, धर्मेंन्द्र, राजेश खन्ना हो या अमिताभ बच्चन सबके लिए किशोर कुमार ने अपनी आवाज दी।

किशोर कुमार और सचिन देव बर्मन के बीच काफी अच्छा संबंध रहा। सचिन देव बर्मन ने किशोर कुमार को कई फिल्में दी और किशोर की जिंदगी में यही वह शख्स थे जिन्होने किशोर को फिल्म अराधना के लिए फिल्म फेयर भी दिलवाया।

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किशोर कुमार शरारती थे, लोगों को परेशान करते थे। कभी किसी की शूटिंग पर नहीं जाते थे, कभी समय देकर रिकार्डिंग में नहीं पहुंचते थे। और कहीं बिना समय दिए ही दस्तक दे देते थे।

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किशोर कुमार ने अपनी जिंदगी में 2,905 गाने गाए जिसमें से उन्हे 9 गीतों के लिए फिल्म फेयर अवार्ड मिला।हिन्दी फ़िल्म उद्योग में उन्होंने बंगाली, हिंदी, मराठी, असमी, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया और उर्दू सहित कई भारतीय भाषाओं में गाया था।

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13 अक्टूबर 1987 को  58 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से किशोर कुमार ने दुनिया को अलविदा कह दिया ।  टेक्नॉलजी कितनी भी क्यों ना बदली हो लेकिन किशोर कुमार की आवाज आज भी नई पीढ़ी हो या पुरानी पीढ़ी दोनों के दिलों  में जिंदा है और जिंदा रहेगी।