मुंबई। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के मंत्री कब क्‍या बोल दें, कुछ ठीक नहीं होता। महाराष्‍ट्र के आदिवासी कल्याण मंत्री विष्णु सावरा ने कुपोषण से 600 बच्‍चों की मौत पर कहा, तो क्‍या हो गया। इस पर गांव के लोग भड़क गए और उन्‍हें गांव से बाहर जाने के लिए कह दिया। मुंबई से महज 140 किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल मोखाड़ा क्षेत्र में कुपोषण से हो रही बच्चों की मौत भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के लिए मुसीबत बन गई है।

बृहस्‍पतिवार शाम जब राज्य के आदिवासी कल्याण मंत्री विष्णु सावरा पालघर जिले के एक गांव के दौरे पर गए तो नाराज आदिवासियों ने उन्हें घेर लिया। लोगों ने पूछा कि सिर्फ 2016 में कुपोषण से 600 बच्चों की मौत हो गई है। आपने हमारे लिए क्या किया है?  इस पर सावरा ने कहा, “तो क्या हो गया? सरकार अपना काम कर रही है। योजनाओं पर अमल हो रहा है।” सावरा का जवाब सुनकर गुस्साए लोगों ने उन्हें गांव से बाहर जाने को कहा। एक महिला ने सावरा से कहा कि मेरे दो साल के बच्चे की मौत 15 दिन पहले हो गई। आप अब तक कहां थे? आप सिर्फ फोटो खिंचवाने आए हैं। आप चले जाइए। हमें आपसे नहीं मिलना है। अन्य ग्रामीणों द्वारा भी विरोध किए जाने पर सावरा ने कहा कि यदि आपको मेरा आना पसंद नहीं है, तो मैं नहीं आऊंगा।

सावरा स्वयं अनुसूचित जनजाति से हैं और पालघर जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। पिछले कुछ सप्ताह में ही कुपोषण से 11 मौतें होने की खबर है। यह जानकारी मिलने के बाद ही विष्णु सावरा एक कुपोषणग्रस्त गांव के दौरे पर गए थे। वहीं, राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने कुपोषण से हो रही मौतों की सूचना मिलने के बाद सरकार के सभी विभागों से मिलकर काम करने को कहा है।