सोशल मीडिया पर आधार को लेकर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कहा जा रहा है कि आधार कार्ड सिर्फ कुछ चुनिंदा स्कीम्स के लिए अनिवार्य है।

वीडियो में एक लेडी वकील कह रही हैं कि आधार को कुछ ही प्रोग्राम से जोड़ना अनिवार्य है। इस पर आधार अथॉरिटी यूआईडीएआई ने बयान जारी कर कहा है कि इस वीडियो में जो भी बताया जा रहा है, वह आज की तारीख में कानूनी तौर पर सच नहीं है। यूआईडीएआई के मुताबिक यह एक पुरान वीडियो है और लोगों को इस पर विश्वास कर भ्रमित नहीं होना चाहिए।

यूआईडीएआई के मुताबिक आधार एक्ट मौजूदा समय में लागू है। ऐसे में इसके तहत जिन भी दस्तावेजों और चीजों को आधार कार्ड  से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है, उन्हें लिंक करना अनिवार्य है। वीडियो में वकील कहती नजर आ रही हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त, 2015 को ये साफ कर दिया है कि आधार को सिर्फ कुछ ही प्रोग्राम्स के लिए जरूरी किया गया है।

वीडियो 2015 का

हालांकि यूआईडीएआई ने इस वीडियो पर विश्वास न करने के लिए कहा है। यूआईडीएआई ने इस वीडियो को लेकर तस्वीर साफ की है। उसने कहा है कि यह वीडियो 2015 के सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बारे में है, जिसमें उसने आधार को कुछ ही प्रोग्राम के लिए जरूरी करने को लेकर अपनी टिप्पणी की थी। हालांकि यह टिप्पणी मौजूदा समय में लागू नहीं होती है।

यूआईडीएआई ने साफ किया कि 7 दिसंबर, 2017 तक जितने भी दस्तावेजों को आधार से लिंक करना अनिवार्य किया गया है, उन्हें लिंक करना अनिवार्य अभी भी है। किसी भी प्रोग्राम के लिए फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने मनाही नहीं की है।