सौमित सिंह

विजय माल्या जब जेट के विमान पर लंदन जाने के लिए सवार हुए तो उनके साथ केवल सात भारी सूटकेस ही नहीं बल्कि एक सुंदर युवती भी थी। ओपिनियन पोस्ट ने इस युवती की पहचान कर ली है। वह और कोई नहीं काफी समय से माल्या की संगिनी पिंकी लालवानी थीं। माल्या के करीबी लोगों का मानना है कि दोनों विवाह के बंधन में बंध चुके हैं। लेकिन माल्या ने कभी उन खबरों का न तो खंडन किया और न ही पुष्टि। ऐसे सवालों पर माल्या का एक ही जवाब होता था- मेरी जिंदगी खुली किताब है। उनके इस कथन के प्रमाण आसानी से देखे जा सकते थे।

कहना चाहिए कि भाग्य ने माल्या को पिंकी से मिलाया। पिंकी किंगफिशर एयरलाइंस शुरू होने के समय 2006 में चुनी गई एयर होस्टेस के पहले ही बैच की थी, जिनका चयन माल्या ने खुद किया था। दोनों को जैसे पहली नजर में प्यार हो गया था। पिंकी जब इंटरव्यू के लिए कमरे में घुसी तभी से दोनों जैसे एक हो गए थे। उसने एयर होस्टेस का काम शायद ही कभी किया। वह दफ्तर और उसके बाहर हर जगह माल्या के साथ नजर आती थी। वह माल्या की पार्टियों की को होस्ट हुआ करती थी। माल्या का याट इंडियन प्रिंसेज जब मोनेको में रुकती थी तो पिंकी को मेजबान के तौर देखा जा सकता था।

माल्या के देश छोड़कर जाने के समय उसके साथ तथाकथित पत्नी पिंकी लालवानी भी थी। हालांकि माल्या ने पिंकी के साथ अपने रिश्ते को न कभी नकारा और न कभी स्वीकार किया।
माल्या के देश छोड़कर जाने के समय उसके साथ तथाकथित पत्नी पिंकी लालवानी भी थी। हालांकि माल्या ने पिंकी के साथ अपने रिश्ते को न कभी नकारा और न कभी स्वीकार किया।

किंगफिशर बोर्ड के कुछ सदस्यों का मानना है कि माल्या ने 2007 में जब पिंकी वोडका के अमेरिकी निर्माता से यह उत्पाद खरीदा तो उसके पीछे कोई व्यापारिक मकसद न होकर महज दिखावा और गर्वोक्ति थी। पिंकी वोडका को दुनिया की सबसे सुंदर वोडका माना जाता था। कहा जाता है कि वह पहली वोडका थी जो महिलाओं के लिए बनाई गई थी। भारत में जब इसे लॉन्च किया गया था तो यह बहुत ज्यादा महंगी होने के कारण चल नहीं पाई।

माल्या की तड़क भड़क वाली जिंदगी और पैसे के फूहड़ प्रदर्शन के बारे में तो बहुत कुछ लिखा गया है। लेकिन करीबी दोस्तों से बातचीत में और खुले दिल से दिए गए कुछ साक्षात्कारों में माल्या की अलग ही छवि उभरती है। ऐसी बातचीत में माल्या कहते हैं कि वे काफी शमीर्ले हैं। अपने बचपन के किस्से सुनाते हुए वे कहते हैं कि उनके पिता से उनके संबंध बहुत मधुर नहीं थे। पिता उनके तौर तरीकों को पसंद नहीं करते थे। इसकी वजह से पहले वे शराब की ओर आकर्षित हुए और फिर ज्यादतियों की ओर। इसकी वजह से उनके मन में यह साबित करने की महत्वाकांक्षा जगी कि वे बेहतर हैं। माल्या के ही बब्दों में उनके पिता विट्टल माल्या ही नियम तय करते थे। काम लेने के मामले में वे बहुत सख्त थे। विजय माल्या पढ़ाई में औसत दर्जे के छात्र थे। जब वे नौवीं में थे तो एक दिन उनके पिता ने कहा कि मैं हमेशा अव्वल आता था। तुम्हें भी आना चाहिए, वरना मुझे कोई खुशी नहीं होगी। अगर तुम ऐसा नहीं कर सकते हो तो बेहतर होगा कि कोई नौकरी खोज लो। यूबी ग्रुप तुम्हें नहीं मिलने वाला है। यह बात अच्छी तरह से समझ लो। उसके बाद मैं नौवीं दसवीं से सीनियर कैम्ब्रिज तक अव्वल आता रहा।

माल्या के मुताबिक, ‘कॉलेज में आने के बाद वे काम करने लगे। कोलकाता में सेंट जेवियर्स कॉलेज में सुबह छह बजे से दस बजे तक पढ़ाई होती थी। उसके बाद मैं अपनी कंपनी में 400 रुपये महीने पर काम करने लगा। मैं बस और ट्राम से कॉलेज जाता था। मैं किसी से यह नहीं कह सकता था कि मैं विजय माल्या हूं। मेरे पिता ने साफ साफ कह दिया था कि अगर मैं उनकी कसौटी पर खरा नहीं उतरा तो वे मुझे बाहर का रास्ता दिखा देंगे।’

विजय माल्या के पिता ने भी तीन शादियां की थीं। दरअसल, माल्या खुद ही बताते हैं कि पिता के दूसरे परिवार से मुलाकात होना उनके लिए सामान्य बात थी। पर उन्होंने इसकी कभी परवाह नहीं की। विजय की पहली पत्नी समीरा भी पिंकी की ही तरह एयर होस्टेस थीं। उनकी दूसरी पत्नी रेखा पहले दो बार तलाक ले चुकी थीं। उसके लैला और कबीर नाम के दो बच्चे थे। हालांकि रेखा और विजय काफी समय से अलग रहते हैं। लेकिन दोनों में तलाक नहीं हुआ। शायद इसलिए कि तलाक की स्थिति में बहुत पैसे देने पड़ते। वैसे माल्या धार्मिक प्रवृत्ति के आदमी हैं और प्यार व शादी की संस्था में यकीन करने वाले।

माल्या के मुताबिक, ‘मैं शादी की संस्था में यकीन करने वाला व्यक्ति हूं, अन्यथा मैं शादी न करता। वफादारी विश्वास को जन्म देती है। यदि दो लोगों के संबंध हैं फिर वह शादी शुदा हों या नहीं और परस्पर विश्वास न रहे तो असर पड़ता है। यदि आप किसी से जुड़ते हैं तो एक भरोसे पर। यह भरोसा न रहे तो संबंध को खत्म कर देना चाहिए। लेकिन बेवफाई पीठ पीछे बहुत कुछ करवाती है। मैं यह नहीं करता।’

माल्या एक ऐसा व्यक्ति है जिसने अपनी प्लेबॉय की छवि अनिल, मुकेश अंबानी, हर्ष, संजीव गोयनका और आनंद महिन्द्रा की संगत में निखारी। ऐसे शख्स का 28 साल की उम्र में यूबी ग्रुप का चैयरमैन बन जाना दूरंदेशी की बजाय जोश का परिणाम है। मैं हमेशा कहता हूं मुझे अकेला छोड़ दो, मैं कड़ी मेहनत करता हूं और अपना पैसा खर्च करता हूं। माल्या ने पिछले कुछ सालों में जो किया है उससे अपनी विरासत खो दी है। अब उसे शायद कॉरपोरेट दुनिया से अलग एक जीवन शुरू करना होगा।