अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में बराक ओबामा के कार्यकाल में 100 दिन बचे हैं और इस बीच एक अहम अमेरिकी गैर-सरकारी संगठन ने सलाह दी है कि नए अमेरिकी राष्ट्रपति को अपना कार्यकाल शुरू होने के 100 दिन के भीतर ही भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करनी चाहिए, ताकि दोनों देशों के बीच जारी निकट संबंधों की अहमियत का मजबूत संकेत जाए।

‘इंडिया-यूएस सिक्योरिटी को-ऑपरेशन’ रिपोर्ट में सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्ट्डीज ने लिखा है कि आने वाले नए अमेरिकी प्रशासन को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि भारत उन बुनियादी समझौतों पर हस्ताक्षर करे जिससे दोनों देशों के रक्षा संबंधों में मजबूती आए।

अमेरिकी थिंक टैंक का मानना है कि अगर इस तरह के समझौते नहीं हुए तो इससे अमेरिका के लिए भारत को आधुनिक सेंसिग, कम्प्यूटिंग और संचार तकनीक देना नामुमकिन हो जाएगा, जिसकी भारत को रक्षा के क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए बहुत जरूरत है।

सीएसआईएस ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की है कि अमेरिका और भारत को परस्पर पनडुब्बी सुरक्षा और पनडुब्बी रोधी युद्ध के प्रयासों सहित संयुक्त प्रशिक्षण और कार्यक्षमता का विस्तार करना चाहिए. रक्षा के क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा के क्षेत्र में भी बातचीत गहरी होनी चाहिए।