खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच बैठक से ठीक पहले अमेरिका ने सख्त कदम उठाते हुए आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के नेता सैयद सलाहुद्दीन को अंतराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने सैयद सलाहुद्दीन के नाम से मशहूर मोहम्मद यूसुफ शाह को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सितंबर, 2016 में सलाहुद्दीन ने कश्मीर मसले की किसी शांतिपूर्ण समाधान की कोशिश को बाधित करने का संकल्प लिया था, अधिक से अधिक कश्मीरी युवाओं को आत्मघाती हमलावर बनाने की चेतावनी दी थी और कश्मीर घाटी को ‘भारतीय सुरक्षाबलों के लिए कब्रगाह’ में तब्दील करने का संकल्प भी लिया था।

बयान में कहा गया है कि अमेरिकी जनता और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए सोमवार को जारी की गई अधिसूचना में यह घोषित किया जाता है कि सैयद सलाहुद्दीन ने आतंकवादी वारदातों को या तो अंजाम दिया है या इसका जोखिम पैदा किया है।

कौन है सलाहुद्दीन

सैयद सलाहुद्दीन को 1990 से पहले कश्मीर में नेता यूसुफ शाह के नाम से जाना जाता था। 1987 में कश्मीर विधानसभा चुनाव में वो चुनाव भी लड़ा था। लेकिन अब सलाहुद्दीन पाकिस्तान में युनाइडेट जिहाद काउंसिल का सरगना है। अलगाववादी मूवमेंट की वजह से यूसुफ को जेल भेज दिया गया था। जब वह जेल से छूटा तो पूरी तरह बदल गया।

सलाहुद्दीन भारत में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है। पिछले साल जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर हमले के पीछे उसके संगठन यूनाइडेट जिहाद काउंसिल का हाथ था। जैश ए मोहम्‍मद भी सलाहुद्दीन के संगठन का ही हिस्‍सा है। कश्‍मीर के ज्‍यादातर आतंकी हिजबुल मुजाहिद्दीन से ही जुड़े हुए हैं। कश्‍मीर में हिंसा में इस संगठन का सबसे बड़ा हाथ है।

भारत ने मई 2011 में पाकिस्तान को 50 मोस्ट वांटेड लोगों की सूची सौंपी थीं। इस सूची में सलाहुद्दीन का भी नाम है।