नई दिल्ली।

अधिकारियों को बार बार चेताने के बावजूद यूपी की कानून व्‍यवस्‍था में कोई सुधार नहीं आ रहा है। सहारनपुर की घटना हो या रायबरेली में पांच लोगों की सामूहिक हत्या,  सीतापुर में ट्रिपल मर्डर हो या इलाहाबाद में चार लोगों की हत्या, सभी घटनाएं प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रही थीं। मंगलवार को पुलिस महकमे में बड़ा और सटीक फेरबदल कर दिया गया। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने एडीजी कानून व्यवस्था को हटाकर कड़ा संदेश देने की कोशिश की है।

अफसरों की तैनाती में उनका अनुभव और पूर्व के कार्यकाल को भी आंकने के बाद उनको नई तैनाती दी गई है। कानून व्यवस्था पर लगातार उठ रहे सवालों पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का यह अब तक का सबसे बड़ा और कारगर कदम है। कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए मुख्यमंत्री ने 12 एसपी और 41 आईपीएस का तबादला कर दिया।

एडीजी आनंद कुमार को एडीजी कानून-व्यवस्था बनाया गया है। उन्हें आदित्य मिश्र की जगह नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 12 जिलों के पुलिस अधीक्षकों का तबादला भी कर दिया है।  इनमें मुरादाबाद,  मेरठ,  वाराणसी,  पीलीभीत,  बलरामपुर,  रायबरेली,  पीलीभीत,  सुल्तानपुर,  कौशांबी, बांदा,  मथुरा और जालौन के एसपी शामिल हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हटाए गए अधिकारियों में 7 डीजी और 6 एडीजी स्तर के हैं। तीन आईजी को भी बदला गया है। हटाए गए पुलिस अधीक्षकों में रायबरेली के गौरव सिंह और सुल्तानपुर के एसपी रोहन पी कनय शामिल हैं। गौरव सिंह पर ऊंचाहार में 5 ब्राह्मणों की हत्या की जांच में लापरवाही बरतने का आरोप है, तो रोहन कनय को जनता की समस्याओं का समाधान न करने केकारण हटाया गया है।

बड़े जिलों में तैनात अफसरों को हटाकर उनके स्थान पर पुराने अफसरों को उनके अनुभव के आधार पर तैनाती दी गई है। एडीजी कानून व्यवस्था का जाना पहले से तय हो गया था। दरअसल जब जोन में एडीजी को कमान सौंपी गई तभी से आदित्य मिश्रा खुद असहज महसूस कर रहे थे। उन्होंने डीजीपी से दो टूक शब्दों में एडीजी एलओ के पद से हटाए जाने की बात कह दी थी।

आदित्य मिश्रा और डीजीपी सुलखान सिंह के बीच भी इन दिनों कुछ ठीक नहीं चल रहा था। सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों आदित्य मिश्रा के लंबी छुट्टी पर जाने से डीजीपी सुलखान सिंह नाराज थे। एसटीएफ में लंबे समय तक एसएसपी रहे अमित पाठक को गोरखपुर का एसएसपी बनाया गया है।

अमित पाठक ने बड़े पैमाने पर हुए पेट्रोल घोटाले का खुलासा किया था जिससे प्रदेश भर में हड़कंप मच गया था। पेट्रोल पंप मालिकों की एक लॉबी अमित पाठक का स्थानांतरण कराने के लिए पीछे पड़ गई थी। नोएडा में 3700  करोड़ की पोंजी स्कीम में अमित की कार्रवाई की जमकर तारीफ हुई थी। इन घटनाओं के अलावा एसटीएफ ने अमित पाठक के नेतृत्व में कई अपराधियों को न केवल सलाखों के पीछे भेजा बल्कि कई घटनाओं को टाल भी दिया था।