लखनऊ।

यूपी में ब्राह्मणों को साधने के लिए डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बना दिया गया है। अभी पांडेय केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री के तौर पर जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चंदौली से 2014 में लोकसभा सदस्य चुने गए थे। अब दोबारा उत्तर प्रदेश की राजनीति की कमान संभालते दिखेंगे।

प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद महेंद्रनाथ पांडेय ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुझे पार्टी में बड़ी ज़िम्मेदारी दी है। मैं पार्टी का छोटा सा कार्यकर्ता हूं, ये मेरे लिए सम्मान की बात है।’ जानकारों के मुताबिक, यूपी में कलराज मिश्र के अलावा कोई सर्वमान्य ब्राह्मण नेता बन नहीं पाया।

लक्ष्मीकांत बाजपेयी के ऊपर पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश की छाप लगी रही। ऐसे में इस बार पूर्वांचल के नेता को भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी सौंपी गई। यूपी में 8 से 9 फीसदी ब्राह्मण वोट हैं, इसलिए 2019 में भाजपा इन्हें अपनी ओर खींचना चाहती है। हाल ही में गोरखपुर में हरिशंकर तिवारी के हाते में पुलिसिया कार्रवाई की गई। उससे भी ब्राह्मण समाज नाराज था। इस मामले के बाद से ब्राह्मण समाज में कुंठा घर करने लगी थी।

रायबरेली में पांच ब्राह्मणों की हत्या के बाद से योगी सरकार के खिलाफ ब्राह्मणों में काफी गुस्सा था, हालांकि योगी सरकार इस मामले को आपसी रंजिश का ही मामला बताती रही। इन तमाम घटनाओं के बाद से योगी सरकार के खिलाफ ब्राह्मणों में एक माहौल बनना शुरू हो गया था। यूपी में सरकार ठाकुरों की है, ऐसे में डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय को लाया जाना यूपी के ब्राहमणों को मैनेज करने की एक कवायद भर माना जा रहा है।

संघर्षशील नेता की छवि

डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय की छवि बेहद संघर्षशील नेता की है। छात्र जीवन से ही आरएसएस से जुड़े रहने के साथ समाज सेवा में सक्रिय रहे। कार्य के प्रति समर्पण भाव और जीवटता की उनकी लंबी दास्तां है। आपातकाल में डॉ. पाण्डेय पांच माह डीआरडीए के तहत जेल भेजे गए। प्रथम रामजन्म भूमि आंदोलन में मुलायम सरकार में उन पर रासुका लगाया था।

पहली बार वर्ष 1991 में वह भाजपा के टिकट पर विधायक बने। भाजपा सरकार में डॉ. पाण्डेय नगर आवास राज्य मंत्री,  नियोजन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार),  प्रदेश में पंचायती राज मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी रहे। भाजपा के संगठन में उन्हें क्षेत्रीय अध्यक्ष समेत प्रदेश के महामंत्री का पदभार सौंपा गया।

आरएसएस से जुड़े डॉ. पाण्डेय को 16वीं लोकसभा में चंदौली से भाजपा ने टिकट दिया। इसमें उन्हें 4 लाख 14 हजार 134 वोट मिले। वहीं दूसरे नंबर पर रहे बसपा के अनिल मौर्य को मात्र 2 लाख 57 हजार 379 वोट मिले।

गाजीपुर (सैदपुर) के पखनपुर गांव के रहने वाले डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय (15 अक्टूबर 1957 को जन्म) वाराणसी के विनायका के सरस्वती नगर में हुआ था। एमए, पीएचडी के साथ ही मास्टर ऑफ जर्नलिज्म की भी डिग्री उन्होंने हासिल की। उनकी पूरी शिक्षा-दीक्षा वाराणसी में हुई। सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कालेज में वह 1973 में अध्यक्ष चुने गए। इसी कड़ी में वह 1978 में बीएचयू के महामंत्री बने।