नई दिल्ली।

यूएई से ऑयल रिजर्व तैयार करने को लेकर अहम करार के बारे में आप जानना चाहते होंगे कि इस सौदे से भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को किस प्रकार पूरा करेगा। इस लिहाज से बुधवार को हुए सौदे के तहत भारत की कुल पेट्रोलियम जरूरत का छठा हिस्सा ऑयल रिजर्व में उपलब्ध रहेगा। इससे आपातकालीन स्थिति में 10 दिन तक देश की औसत तेल जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। इसलिए देश की इकोनॉमी को सुरक्षा प्रदान करने और आपात स्थिति में राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाए रखने के लिहाज से यह डील बेहद महत्वपूर्ण है।

भारत सरकार ने यूएई के साथ डील में उसे कर्नाटक के मंगलुरु की अंडरग्राउंड क्रूड ऑइल स्टोरेज फेसेलिटी के आधे हिस्से को भरने की अनुमति दी गई है। यह डील भारत सरकार रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व सिस्टम का हिस्सा है। इस सिस्टम के तहत 36.87 मिलियन बैरल कच्चे तेल को स्टोर किया जा सकेगा।

यूएई की अबु धाबी नेशनल ऑयल कंपनी मंगलुरु में 6 मिलियन बैरल ऑयल स्टोर करेगी। इस साइट पर कुल स्टोरेज क्षमता का यह आधा हिस्सा होगा। अबु धाबी नेशनल ऑयल कंपनी और इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड के बीच भारत में ऑयल स्टोरेज और मैनेजमेंट को लेकर यह दूसरा करार है। 2017 की आखिरी तिमाही से आबु धाबी की कंपनी की ओर से भारत को कच्चे तेल की सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।

तीन साल पहले भारत सरकार ने अपनी रणनीतिक तेल स्टोरेज क्षमता का एक हिस्सा दुबई की इस कंपनी को लीज पर देने के लिए बातचीत की शुरुआत की थी। इन क्रूड ऑइल इन्वेंट्रीज को किसी देश की सरकार या फिर प्राइवेट इंडस्ट्री के द्वारा भी संचालित किया जा सकता है।

मंगलुरु की ऑइल स्टोरेज फैसिलिटी के आधे हिस्से में भारत ने 6 मिलियन बैरल क्रू़ड ऑयल रिजर्व किया है। यह रिजर्व ईरान की मदद से किया गया है। इसके अलावा भारत ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भी 7.55 मिलियन बैरल कच्चा तेल स्टोर किया है। ऐसी ही तीसरी यूनिट कर्नाटक के पाडुरण में है, यहां 18.3 मिलियन बैरल क्रूड ऑइल स्टोर किए जाने की क्षमता है।

अमेरिका के ऊर्जा सूचना प्रशासन के मुताबिक दुनिया भर में देशों ने स्ट्रैटेजिक ऑयल रिजर्व में 4.1 बिलियन बैरल क्रूड ऑयल रिजर्व कर रखा है। इनमें से 1.4 बिलियन बैरल पर सरकार का नियंत्रण है, जबकि बाकी हिस्से का प्राइवेट इंडस्ट्री संचालन करती है।

अमेरिका के पास दुनिया में सबसे अधिक 727 मिलियन बैरल का ऑयल रिजर्व है। यदि अमेरिका अपने रिजर्व को पूरी तरह भरकर रखता है तो आपात स्थिति में 60 दिनों तक देश की तेल की जरूरतें पूरी की जा सकती हैं। चीन ने सरकार के नियंत्रण में स्ट्रैटेजिक ऑयल रिजर्व तैयार किया है। चीन की योजना 2020  तक 90 दिनों तक का ऑयल रिजर्व स्थापित करने की है।