नई दिल्ली। एग्जिट पोल आने के बाद बिहार की चुनावी तस्वीर साफ होने के बजाए और धुंधली हो गई है। कोई एग्जिट पोल महागठबंधन की सरकार बना रहा है तो कोई बीजेपी को बढ़त दिखा रहा है। टाइम्स नाऊ, इंडिया टीवी, सी-वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक बिहार में महागठबंधन की सरकार बन रही है। इस एग्जिट पोल के मुताबिक महागठबंधन को 122 सीटें और एनडीए को 111 सीटें मिल रही हैं। टुडेज , चाणक्य ने एनडीए को 155 सीटें देते हुए भाजपा सरकार की संभावना जताई है वहीं महागठबंधन को महज 83 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की है। टुडेज चाणक्य ने अन्य को पांच सीटें दी हैं।
वहीं इंडिया टुडे सिसेरो वोटर सर्वे के मुताबिक एनडीए को 120 और महागठबंधन को 117 सीटें मिल सकती हैं। टाइम्स नाऊ और सी-वोटर ने गुरुवार को जारी एक्जिट पोल में बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन को सर्वाधिक सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया गया है। सी वोटर ने महागठबंधन को 112 से 132 सीटें मिलने का अनुमान व्यक्त किया है।
हर तरह की संभावनाओं को मिलाकर महागठबंधन को आधे के लगभग 122 सीटें और जबकि राजग को 111 सीटें मिल सकती हैं। शेष 10 सीटों पर अन्य दलों के उम्मीदवार जीत हासिल कर सकते हैं।
इंडिया टुडे और सिसेरो के एक्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना व्यक्त की गई है। सर्वे के मुताबिक, भाजपा की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 120 सीटें मिल सकती हैं, जबकि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 117 सीटें मिलने की संभावना व्यक्त की गई है।
243 सीटों वाले बिहार विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने के लिए 122 सीटों की जरूरत है, जो किसी भी दल को मिलता नजर नहीं आ रहा। मतदान बाद किए गए सर्वेक्षण में भाजपा गठबंधन को 113 से 127 सीटें मिल सकती हैं, जबकि महागठबंधन को 111 से 123 सीटें मिलने की संभावना है। चार से आठ सीटों पर अन्य दलों को जीत मिल सकती है।
समाचार चैनल ‘न्यूज एक्स’ ने बिहार में गुरुवार को पांचवें यानी अंतिम चरण का मतदान खत्म होते ही एक एग्जिट पोल के नतीजे दिखाए, जिसमें सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के नेतृत्व वाले महागठबंधन को जीत की ओर बढ़ता दिखाया गया। नीतीश कुमार की अगुवाई वाले महागठबंधन को 130 से 140 सीटें मिलने की संभावना बताई गई है।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले गठबंधन को 90 से 100 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।
एग्जिट पोल के मुताबिक, अन्य छोटी-छोटी पार्टियों के खाते में सात सीटें जा सकती हैं।