अाेपिनियन पाेस्ट

किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले जिस भगवान की पूजा की जाती है आज उन्हीं देवों के देव भगवान गणेश की जयंती है जिसे गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। आज गणेश चतुर्थी का पर्व है, लाेगाें ने अाज इस मौके पर घर- घर गणपति की स्थापना की है और मंदिरों की बेहद खूबसूरत सजावट देखी जा सकती है। दस दिन की पूजा के बाद गणेश जी की मूर्ति को पूरे मान सम्मान के साथ ढोल नगाड़े की धुन पर नाच कर पानी में विसर्जित किया जाएगा। इस आशा के साथ कि गणपति अपने पिता शिव और माता पारवती के पास वापस कैलाश पर्वत लौट जाएंगे।

पूजा के बाद ख़ास रूप से मोदक बांटने का रिवाज़ भी प्रचलन में है। खास बात ये है कि इस साल पूजा के लिए दो घंटे 33 मिनट का समय होगा और इस तरह आप गणपति की स्थापना कर पाएंगे। 10 दिन तक चलने वाला गणेश चतुर्थी का पर्व हिंदूओ के कैलेंडर के मुताबिक भाद्रपद के महीने में मनाया जाता है जो कि अगस्त या सितम्बर को पड़ता है। पर्व की शुरुआत चौथे दिन यानी की शुक्ल चतुर्थी के दिन से होती है। उन्हें इस मौके पर विघ्नहर्ता का दर्जा दिया जाता है और ये कामना की जाती है कि बुद्धिमत्ता और समृद्धि के भगवन गणेश सभी परेशानियों को दूर कर देंगे।

गणेश को करीब 108 नाम दिए गए हैं. जगह बदलने के साथ उनके नाम भी बदल जाते हैं लेकिन प्यार से गणपति या विनायक हर जगह बुलाया जाता है। भारत में महाराष्ट्र में इस पर्व का विशाल रूप से आयोजन किया जाता है और इस मौके पर खूबसूरत रंगबिरंगे पंडालों को 10 दिनों तक सजाया जाता है। गणेश चतुर्थी का पर्व भारत में शुरू ज़रूर हुआ लेकिन केवल भारत तक सीमित नहीं है। इसे पड़ोसी देश चीन और नेपाल में भी मनाया जाता है। इसी के साथ थाईलैंड, अफ़ग़ानिस्तान और इंडोनेशिया में भी गणेश चतुर्थी का आयोजन होता है।