अमेरिका ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत की हालिया कार्रवाई (सर्जिकल स्‍ट्राइक) का समर्थन करते हुए इसे ‘आत्मरक्षा का अधिकार’ करार दिया। व्हाइट हाउस के दक्षिण एशिया मामलों के प्रभारी पीटर लावोय ने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान की शांति को कश्मीर मुद्दे पर प्रस्ताव के साथ जोड़ने के पाकिस्तान के प्रयास को भी खारिज कर दिया। वाइट हाउस की ओर से बयान जारी कर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का समर्थन किए जाने के बाद अब अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भारत के समर्थन में अहम बयान दिया है।

किरबी ने कहा कि जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि हम मुंबई हमले के दोषियों को सजा मिलते हुए देखना चाहते हैं। पाकिस्तान की ओर से अपनी जमीन को आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होने देने और भारत में आतंक की सप्लाई के संदर्भ में किर्बी ने सख्‍ती से कहा कि पाकिस्‍तान अपनी सीमा में आतंकियों के ठिकानों, आतंकी समूहों व आतंकियों के खिलाफ कड़ाई से कदम उठाए।

हालांकि, उसने संगठन के नेता हाफिज सईद पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इस संगठन को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर कहा कि ‘उसे आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ उसकी संबद्धता के कारण लक्षित प्रतिबंधतों के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 अलकायदा प्रतिंबध समिति या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति ने सूचीबद्ध किया है’

टोनर ने कहा, लश्कर आतंकवादी हमलों में अमेरिकी नागरिकों समेत सैकड़ों निर्दोष लोगों की मौत के लिए निस्संदेह जिम्मेदार है।’ साल 2008 में मुंबई में किए गए आतंकवादी हमलों में लश्कर के 10 आतंकवादी शामिल थे।

इन हमलों में 166 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 300 लोग घायल हो गए थे। हमलों का मास्टरमाइंड और लश्कर का आतंकवादी जकी उर रहमान लखवी एक साल पहले जमानत पर जेल से रिहा हो चुका है। इसके बाद वह किसी अज्ञात स्थान पर रह रहा है। अन्य छह संदिग्ध रावलपिंडी की अदियाला जेल में हैं।