तस्वीर

निशा शर्मा।

आज वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे है। जिसके तहत इस बात पर विचार किया जाता है कि पत्रकारों को निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया जाए। साथ ही उन्हें किसी राजनीतिक सीमा के दायरे में ना बांधकर आम जनता के हितों को ध्यान में रखकर काम करने की बात कही जाए। आज के समय में जब ब्रेकिंग न्यूज़ ही सबकुछ मान लिया जाता है ऐसे में प्रेस को भी अपना दायरा बनाने की जरुरत है। आज हम उस केस को विस्तार से बता रहे हैं जहां प्रेस का मतलब सिर्फ पब्लिसिटी पाना रहा है, जहां किसी की निजता के दायरे को लांघना ब्रेकिंग हो जाता है। हालांकि कई बार इस तरह के काम पत्रकारिता को बदनाम करने के साथ साथ बुरे परिणाम भी पाते हैं। जी हां केट मिडल्टन की टॉपलेस तस्वीर का किस्सा भी कुछ ऐसा ही है। आईये आपको बताते हैं क्या हुआ था और क्या हो रहा है इस केस में जहां पत्रकारिता महज सनसनी है।

एक फ्रांसीसी मैगज़ीन ने डचेज ऑफ़ कैंब्रिज केट मिडल्टन की टॉपलेस तस्वीर छापी थी जिसके बाद सब तरफ सनसनी फैल गई। मामला राज घराने की इज्जत से जुड़ा होने के चलते कोर्ट जा पहुंचा। जहां छह लोगों पर गोपनीयता और अपराध को अंजाम में मदद करने के आरोप तय किए गए हैं। ये केस फ्रांस में चल रहा है।

क्या मामला था-

कैट और विलियम 2012 में फ्रांस में छुट्टियां मनाने गए थे। दोनों की शादी को करीब एक साल से ज्यादा हो चुका था, जब इन तस्वीरों को लिया गया था। वे फ्रांस के दक्षिण में एक चौका में थे, जिसके मालिक क्वीन के भतीजे अर्ल स्नोडोन हैं।

केट मिडल्टन ने कहा कि जब वह धूप में टॉपलैस खड़ी थी तो पपराजी(फोटोग्राफर) ने कथित रूप से उनकी तस्वीरें बिना इजाजत के खिंची।तस्वीरों को फ्रांस की क्लोज़र मैगज़ीन में प्रकाशित भी किया गया , साथ ही उसे “ओह गॉड!” शीर्षक के तहत छापा गया था। दंपती के बारे में एक लेख भी लिखा गया था यह लेख और फोटो एक स्थानीय पेपर ला प्रोवेंस द्वारा भी प्रकाशित किया गया था।

दंपित ने कहा कि इस मामले से वह बिल्कुल उसी तरह आहत हुए हैं जिस तरह से राजकुमारी डायना की जिन्दगी में प्रेस के अनावश्यक हस्तक्षेप से आहत हुए थे।

ड्यूक और डचेस ऑफ़ कैम्ब्रिज क्यों कर रहे हैं फ्रेंच प्रकाशक पर मुकदमा ?

ड्यूक और डचेस ऑफ़ कैम्ब्रिज अपनी निजी फोटो को सार्वजनिक करने का हरजाना मांग रहे हैं। इस दंपती ने फ्रांसीसी पत्रिका पर करीब £ 1.3million (10.5 करोड़ रुपए) के लिए मुकदमा और ला प्रोवेंस पर करीब £ 42,000 से अधिक का मुकदमा किया है।

पत्रिका ने एक टॉपलेस फोटो प्रकाशित की, जिसे माना जाता है कि यह एक सार्वजनिक सड़क से लिया गया था, जबकि ला प्रोवेंस ने तैरनेवाले फोटो प्रकाशित किए हैं। मामले में छह लोग शामिल हैं जिन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने गोपनीयता पर आक्रमण किया है।

अदालत में पढ़े गए एक बयान में, प्रिंस विलियम ने कहा “सितंबर 2012 में, मेरी पत्नी और मैंने सोचा था कि हम कुछ दिनों के लिए अपने परिवार के किसी सदस्य के पास एक विला में जाकर अपनी गोपनीयता का आनंद ले सकते हैं। दरअसल,, हम फ्रांस और फ्रांसीसी जानते हैं और हमें पता था कि वे देश अपने मेहमानों के साथ-साथ निजी जीवन का भी सम्मान करता है। हालांकि यह तस्वीर जिस तरह से ली गई थी, वह हमारे लिए विशेष रूप से चौंकाने वाली थी क्योंकि इस तस्वीर का लेना हमारी गोपनीयता का उल्लंघन करती है।

कौन कौन फोटोग्राफर हैं शामिल?

एजेंसी के फोटोग्राफर सिरिल मोरेऊ, डोमिनिक जैकोवेड्स और ला प्रोवेंस के वैलेरी स्यूओ पर गोपनीयता और सहभागिता के उल्लंघन का आरोप है।

बताया जाता है कि 53 साल के सुओ, ने तस्वीर ली थी। सुओ ने अदालत को बताया था कि उसने यह तस्वीर शाही दंपति की गोपनीयता का उल्लंघन न करने के इरादे से ली थी।

यही नहीं 50 साल के लॉरेंस पिएऊ, जो कि फ्रांस में क्लोजर पत्रिका के संपादक हैं, पर भी सहभागिता का आरोप है।

प्रकाशन समूह मोंडाडोरी के मुख्य कार्यकारी, अर्नेस्टो मौरी, गोपनीयता के उल्लंघन में प्राप्त दस्तावेज़ का उपयोग करने के जुर्म में मामले में आरोपी माने गए हैं।

56 साल के मार्क एबर्टिन, उस समय पत्रिका के प्रकाशन निदेशक थे उन पर भी तस्वीर छापने का आरोप है।

निर्णय कब तक आ सकता है?

माना जा रहा है कि फैसला 4 जुलाई को आ सकता है। बताते चलें कि शाही दंपति ने 2012 में अपनी कानूनी कार्यवाही शुरू की थी, एक अदालत ने आगे की छवियों को छापने पर प्रतिबंध लगा दिया था।