नई दिल्ली। रामगोपाल यादव समाजवादी पार्टी में लौट आए हैं। पार्टी ने उनका सस्पेंशन रद्द कर दिया है। कुछ दिनों पहले सपा ने आदेश जारी कर इनको पार्टी से 6 साल के लिए बाहर कर दिया था।

नोटबंदी पर चर्चा के दौरान जब राज्यसभा में बुधवार को रामगोपाल यादव बयान दे रहे थे,  उस वक्त कुछ पार्टियों ने पूछा था कि वे किस पार्टी को रिप्रेजेंट कर रहे हैं। रामगोपाल बोले-ये तो होना ही था।

सपा में वापसी के बाद रामगोपाल यादव ने कहा, “मैंने आप लोगों से बहुत पहले कहा था कि नेताजी बड़े दिल के व्यक्ति हैं। जब वह अपने मन से फैसला लेते हैं तो वह बहुत शानदार होता है। ये तो होना ही था।”

“वो मेरे खिलाफ कभी नहीं थे, न मैंने कभी उनकी मंशा के खिलाफ काम किया और न करूंगा।’ अमर सिंह के सवाल पर राम गोपाल ने कहा, “किसी का नाम मत लीजिए, लेकिन नेताजी ने अपने मन से फैसला लिया है,  उससे सारी पार्टी के लोग काफी खुश हैं। मैं नेताजी को धन्यवाद देता हूं।’

शिवपाल यादव के साथ विवाद पर बोले, “चुनाव में हम लोगों को एक साथ जाना ही था। शिवपाल छोटे भाई हैं, तो छोटों से गलती हो तो बड़ों को माफ कर देना चाहिए।”

पार्टी से क्यों निकाला गया था?

शिवपाल ने कहा था- “रामगोपाल 3 बार बीजेपी के बड़े नेता से मि‍ल चुके हैं। उनके बेटे अक्षय और बहू घोटाले में फंसे हैं। इसलि‍ए सीबीआई जांच से बचने के लि‍ए ऐसा कर रहे हैं। इस बात को अखि‍लेश नहीं समझ पा रहे।”

“रामगोपाल कभी कि‍सी के दुख-दर्द को नहीं समझ सके। वे नेताजी, अखि‍लेश और सपा को कमजोर कर रहे हैं। मैंने जब पार्टी में उनके खि‍लाफ आवाज उठाई तो वे दुश्‍मनी नि‍काल रहे हैं।”

“उन्‍होंने भ्रम फैलाकर महागठबंधन तुड़वाया। नेताजी का अपमान हममें से कोई बर्दाश्‍त नहीं करेगा। रामगोपाल अपने ज्ञान और वि‍चार का प्रयोग समाजवादी वि‍चारधारा को बढ़ाने में करते तो अच्‍छा होता।”

“उन्‍होंने अपनी सोच का इस्तेमाल हमेशा साजि‍श करने और गुटबाजी करने में कि‍या। उन्‍हें नेताजी के आदेश पर पार्टी से 6 साल के लि‍ए निकाला जाता है। राष्ट्रीय महासचिव के पद से भी हटाया जाता है।” रामगोपाल यादव के बेटे-बहू नोएडा के चीफ इंजीनि‍यर रहे यादव सिंह के घोटाले में आरोपी हैं।