पहली घटना- तारीख 29 जून, 2017, जगह- गुरुग्राम (गुड़गांव)
दिल्ली से सटे हरियाणा के साइबर सिटी गुरुग्राम (गुड़गांव) के एमजी रोड पर स्थित तीन बड़े मॉल मेट्रोपोलिटन, ग्रैंड और मेगा मॉल पर पुलिस का छापा पड़ा। यहां मौजूद तीन आलीशान स्पा सेंटर ‘बेनेलो स्पा’, ‘रैलेक्स स्पा’ और ‘द ग्रैंड स्पा’ से 10 लड़कियों और एक मैनेजर को गिरफ्तार किया गया। डीएलएफ फेस-2 और सेक्टर-29 थाना क्षेत्र में आने वाले ये सेंटर स्पा की आड़ में जिस्मफरोशी का धंधा कर रहे थे। पुलिस ने नकली ग्राहक भेजकर इस धंधे का भंडाफोड़ किया।

दूसरी घटना- तारीख 23 जून, 2017, जगह- दिल्ली
उत्तर पश्चिमी दिल्ली के पॉश इलाके रोहिणी सेक्टर-7 की एक कॉमर्शियल बिल्डिंग में चलने वाले ग्रेस यूनिसेक्स सैलून एंड स्पा से भी इसी तरह की छापेमारी के बाद स्पा के दो संचालकों और 10 लड़कियों को गिरफ्तार किया गया। यहां भी दिखावे के लिए स्पा चलता था लेकिन भीतर जाने पर ग्राहकों को कामसुख की सुविधा दी जाती थी। बेड, बाथ टब और मसाज टेबल से सुसज्जित चार कमरों के इस स्पा में पश्चिमी सुख सविधा का हर सामान मौजूद था।

तीसरी घटना- तारीख 12 व 22 मई, 2017, जगह- जयपुर
राजस्थान की राजधानी में थाई स्पा सेंटर और वैशाली नगर के बी क्राउन प्लाजा स्थित दी फैमिली स्पा सेंटर में भी पुलिस ने ऐसे ही छापे मारे थे। असलियत जानने के लिए यहां भी पुलिस ने पहले नकली ग्राहक भेजा और सौदा तय होते ही छापा मारा। पर्यटन के लिए मशहूर इस शहर के स्पा से गिरफ्तार सात लड़कियों में से छह पूर्वोत्तर की और एक मुंबई की थी। इस स्पा की खास बात यह थी कि यहां पहली बार आने वाले ग्राहकों को नगालैंड की लड़कियों के साथ समय बिताने का स्पेशल आॅफर दिया जाता था। पूर्वोत्तर की होने के कारण ये लड़कियां अंग्रेजी में बातचीत करती थीं और पहनावे व शक्ल सूरत से इनके विदेशी होने का भ्रम होता था।

चौथी घटना- तारीख 18 मई, 2017, जगह- नोएडा
दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में सेक्टर 20 थाने की पुलिस ने छापा मारकर सेक्टर 18 स्थित मून साइन स्पा की संचालक पूजा उर्फ जीवा और मैनेजर ईशान को गिरफ्तार किया। दरअसल, मुंबई के फिल्म मेकर कुमार प्रसन्ना अपनी थकावट उतारने के लिए जब वेबसाइट के जरिये इस स्पा सेंटर में पहुंचे तो उन्होंने ढाई हजार रुपये का मसाज पैक लिया। लेकिन स्पा सेंटर के कमरे में मसाजबाला ने उन्हेंं यौन संबंध बनाने का आॅफर दिया और 5 हजार रुपये की डिमांड कर डाली। प्रसन्ना के इनकार और उनसे एडवांस मांगने पर की गई बदसलूकी से मामला पुलिस तक पहुंचा।

कैसे बदला जिस्मफरोशी का ट्रेंड
ये घटनाएं इस बात को बयां करती है कि देश की राजधानी दिल्ली ही नहीं देश के हर छोटे-बड़े शहर में जिस्मफरोशी का धंधा अब बदनाम गलियों से निकल कर पॉश इलाकों और आलीशान बाजारों में पहुंच चुका है। पुलिस की आंख में धूल झोकने के लिए इस धंधे के दलालों ने अपना तरीका हाईटेक कर लिया है। कुछ साल पहले तक धंधेबाज आर्केस्ट्रा और म्यू‍जिकल ग्रुप की आड़ लेते थे या फिर मॉडलिंग एजेंसी, पांच सितारा होटलों में एस्का‍र्ट सर्विस देकर अथवा पॉश इलाकों की कोठियों से लड़कियों को जिस्मफरोशी के लिए भेजते थे। लेकिन ये सभी तरीके जब पुलिस की नजर में चढ़ गए तो धंधेबाजों ने स्पा और बॉडी मसाज को अपने धंधे की आड़ बना लिया। सौन्दर्य प्रसाधन बनाने वाली बड़ी कंपनी लॉरियल के दिल्ली स्थित स्‍पा एंड ब्यूटी सैलून के प्रबंधक अश्विनी चावला बताते हैं, ‘भारत में करीब पांच साल पहले स्पा और बॉडी मसाज के पार्लर या तो पांच सितारा होटलों में होते थे या फिर महानगरों के बेहद पॉश मर्केट में। बाद में रिसॉर्ट चलाने वाली कंपनियों ने पर्यटकों को लुभाने के लिए इस कारोबार को अपनाया। उस समय तक स्पा और बॉडी मसाज का धंधा बेहद साथ सुथरा और सम्मानित माना जाता था। हर कोई इस सुख का आनंद भी नहीं ले सकता था क्योंकि स्पा के पैकेज बेहद महंगे होते थे। स्पा और बॉडी मसाज करवाना स्टेटस सिंबल माना जाता था। पढ़े-लिखे और उच्च वर्गीय परिवारों के युवक-युवतियां स्पा और बॉडी मसाज क्लिनिकों और पार्लरों में नौकरी को बतौर करियर अपनाते थे। कई बड़ी देसी और विदेशी सौन्दर्य प्रसाधन कंपिनयां इस कारोबार से जुड़ी थी। लेकिन करीब दो साल पहले स्पा पार्लरों और बॉडी मसाज के कारोबार को जिस्मफरोशी के सौदागरों की काली नजर लग गई। जब दूसरे धंधों की आड़ बंद हो गई तो कॉलगर्ल संचालकों ने स्पा और बॉडी मसाज खोलने शुरू कर दिए। देश के हर छोटे-बड़े शहर में पिछले दो साल में कुकुरमुत्तों की तरह स्पा और बॉडी मसाज के पार्लर खुल गए। हर उस शहर में जहां अमीर लोग रहते हैं और पर्यटकों की आवाजाही होती है वहां के मॉल, पॉश मार्केट, कॉलोनियों में भव्य और सुसज्जित स्पा और बॉडी मसाज के सेंटर खुल गए। इन स्पा सेंटरों ने ग्राहकों को लुभाने के लिए आकर्षक शाइन बोर्ड लगवा लिए, अपनी बेवसाइट बनवा ली और समाचार पत्र-पत्रिकाओं में उनके आकर्षक विज्ञापन छपने लगे। पिछले डेढ़ साल में यह धंधा पूरी तरह परवान चढ़ गया।’

बाहर से कुछ, भीतर से कुछ
देश के किसी भी शहर के वे तमाम स्पा और मसाज सेंटर जो जिस्मफरोशी के धंधे में लगे हैं उनमें कुछ बातें समान हैं। मसलन, वे बिना किसी लाइसेंस और अनुमति के चलते हैं। अंग्रेजी की मशहूर अपराध पत्रिका क्राइम एंड डिटेक्टिव के संपादक शैलाभ रावत बताते हैं, ‘जिस्म परोसने वाले स्पा और मसाज सेंटर का एक समान तरीका होता है उनकी भव्यता और साज सज्जा। किसी मॉल या कॉमर्शियल जगह पर बड़ी जगह में बने इन सेंटरों के रिसेप्शन इतने भव्य होते हैं कि पहली ही नजर में किसी आयुर्वेदिक मेडिटेशन सेंटर का दृश्य आंखों के सामने तैरने लगता है। पहली नजर पड़ने के बाद आप अंदाज नहीं लगा सकते कि भीतर कोई गंदा धंधा भी होता होगा। यहां आने वाले ग्राहकों को अलग-अलग स्पा और मसाज के पैकेज बताए जाते हैं। कुछ स्पा के प्रबंधक क्रासजेंडर मसाजर से शारीरिक सुख लेने की बात खुद कर लेते हैं तो कुछ लडकियों पर छोड़ देते हैं कि एक्स्ट्रा सर्विस की बात लड़की से ग्राहक खुद तय करें। ऐसी जगहों पर बाद में लड़की एक्स्ट्रा डील होने पर अतिरिक्त पैसे में से कुछ रकम या पहले से तय शर्त के मुताबिक रकम संचालकों को देती है।’

स्पा की आड़ में जिस्मफरोशी के धंधे पर गहरी पड़ताल कर चुके शैलाभ रावत बताते हैं कि ऐसे स्पा की एक अन्य समान बात है कि वहां मसाज और स्पा देने के लिए छोटे-छोटे केबिन बने होते हैं जिनमें बाथ टब, जकोजी, वॉश बेसिन के अलावा एक बेड पड़ा होता है। कहने को इसे मसाज टेबल बताया जाता है लेकिन ऐसे स्पा सेंटर में आमतौर पर इन्हीं सुसज्जित बेड का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। इसके अलावा दो प्रमुख बातें भी समान होती है। मसलन, हर केबिन नुमा कमरे में रंगीन मध्यम लाइटें लगी होती हैं और कई प्रकार के आयुर्वेदिक क्रीम और मसाज करने वाले तेल रखे होते हैं। रावत बताते हैं कि जो स्पा इस अनैतिक पेशे में शामिल नहीं हैं उसके रिसेप्शन पर ही इस बात का पता चल जाता है कि वहां लड़कियां कोई दूसरी सेवा नहीं दे सकती।

पूर्वोत्तर की लड़कियों का आकर्षण
स्पा व मसाज के पेशे में ज्यादातर पूर्वोत्तर के ही लड़के-लडकियां काम करते हैं। दरअसल, देश के अधिकांश स्पा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट पूर्वोत्तर के राज्यों में ही हैं। दूसरा, अरुणाचल, मिजोरम, नगालैंड, मणिपुर, मेघालय और असम की लड़कियां गोरी होने के साथ खूबसूरत और अंग्रेजी बोलने में दक्ष होती हैं। उनकी आधुनिक वेशभूषा भी जल्द ही ग्राहकों को आकर्षित कर लेती हैं। इसलिए स्पा की आड़ में जिस्मफरोशी कराने वाले सेंटर मोटी पगार देकर इस क्षेत्र की लड़कियों को नौकरी पर रख लेते हैं।

दिल्ली के एक प्रतिष्ठित फोर फाउंटेन स्पा में काम करने वाले महीप सिंह ने बाकायदा प्रोफेशनल ट्रेनिंग ली हुई है। उन्हें हर महीने 20 हजार रुपये की पगार मिलती है। लेकिन इस धंधे में तेजी से फैली गंदगी के कारण अब वह अपनी पहचान जाहिर करने से बचते हैं। महीप लोगों को इस बात को बताने से बचते हैं कि वे मसाज करते हैं। महीप बताते हैं कि आज भी ऐसे बहुत से स्पा हैं जहां सेम जेंडर स्पा होता है। मतलब लड़के को लड़का मसाज करता है और लड़कियों को लड़कियां। लेकिन अब स्पा पार्लर को लेकर इतनी ज्यादा बदनामी हो चुकी है कि कोई भरोसा ही नहीं करता कि वहां मसाज के सिवा कुछ और नहीं होता है। फोर फाउंटेन स्पा के पीआर मार्केटिंग की वीणा भाटे बताती हैं कि इस पेशे में लगे 50 फीसदी से ज्यादा लोग पूर्वोत्तर के हैं। स्पा को लेकर भारत जैसे देश में कई तरह के पूर्वाग्रह हैं। लोगों को लगता है कि यहां कोई गलत काम होता है। इसलिए पूर्वोत्तर की लड़कियां अपने होम टाउन में अपना काम बताने से बचती हैं। हालांकि वे स्वीकार करती हैं कि कुछ गलत लोगों ने इस पेशे की आड़ में गलत धंधा शुरू कर दिया है जिससे लोग सभी को गलत नजर से देखने लगे हैं।
दक्षिणी दिल्ली के एक प्रतिष्ठित स्पा सेंटर में काम करने वाली मिजोरम की ऐलिना कैथरीन कबूल करती हैं कि स्पा पार्लरों में काम करने वाली लड़कियों को उनके काम के मुताबिक जो इज्जत मिलनी चाहिए वह नहीं मिलती है। वे कहती हैंकि लोगों के मोबाइल पर मसाज को लेकर आने वाले एसएमएस में जो बातें कही जाती हैं उससे इस पेशे की छवि और ज्यादा खराब होती है।

ऐसे होता है लुभावना प्रचार
जिस्मफरोशी कराने वाले स्पा और मसाज सेंटर ग्राहकों को लुभाने के लिए एसएमएस के जरिये अपने स्पा का जमकर प्रचार करते हैं जिसमें खूबसूरत और जवान लड़कियों से मसाज कराने का वादा किया जाता है। ऐसे प्रलोभनों को देखकर हर किसी के दिमाग में मसाज की कुछ और ही तस्वीर उभरती है। जाहिर है मसाज करने वालों के प्रति लोगों के मन में भी वैसी ही छवि बनती होगी।
ऐलिना कैथरीन बताती हैं कि देश भर के स्पा पार्लरों में क्रॉस जेंडर मसाज सबसे ज्यादा है और यहीं पर सेक्स रैकेट का पर्दाफाश होता है। जबकि सेम जेंडर मसाज में ऐसी चीजें नहीं होती हैं। सेम जेंडर स्पा को फैमिली स्पा पार्लर के तौर पर जाना जाता है लेकिन अब इन्हें भी लोग शक की नजर से देखते हैं। अंग्रेजी समाचार पत्रों से लेकर क्षेत्रियों भाषाओं तक के समाचार पत्र-पत्रिकाओं में हॉट मसाज व स्पा के विज्ञापन भरे होते हैं। कई स्पाओं ने तो बाकायदा अपनी वेबसाइट बनाकर ढकी छिपी भाषा में लड़कियों से मनचाहा मसाज और अतिरिक्त सुविधा का जिक्र बड़े गर्व से करते हैं।

स्पा और मसाज की आड़ में जिस्म परोसने के धंधे में यूं तो विदेशी लड़कियों से लेकर पूर्वोत्तर की वे लड़कियां तक जुड़ी हैं जिनका मकसद सिर्फ शॉर्टकट से पैसा कमाना है। छत्तीसगढ़ के छोटे से शहर भिलाई में पिछले दिसंबर माह में पुलिस ने एक आॅपरेशन चलाया तो पता कि इस छोटे से शहर में ही करीब 40 स्पा और मसाज सेंटर हैं। इनमें सौ से ज्यादा लड़कियां थाईलैंड की थीं। दरअसल, डेढ़ साल पहले जब थाईलैंड और कंबोडिया की सरकारों ने अपने यहां मसाज सेंटरों में अनैतिक कारोबार के धंधे पर सख्ती बरती तो वहां काम करने वाली लड़कियों ने भारत का रुख किया। उनकी पहली पसंद हालांकि गोवा के मसाज सेंटर होते हैं लेकिन इसके बाद जहां भी स्पा सेंटर के मालिक उन्हें मोटी पगार देते हैं वे उसी शहर का रुख कर लेती हैं।

दिल्ली-एनसीआर में पकड़े गए कई स्पा सेंटर की लड़कियों व संचालकों से पूछताछ में पता चला कि दूरदराज के इलाकों से पढ़ने के लिए शहर आने वाली या अपने परिवार का पेट पालने के लिए शहर में नौकरी करने के लिए आई युवतियां भी अतिरिक्त खर्चे जुटाने और शानो शौकत से जीने के लिए इस धंधे से जुड़ जाती हैं। जो स्पा और मसाज सेंटर लड़कियों को बड़ी कीमत नहीं दे पाते उनके निशाने पर ऐसी ही लड़कियां होती हैं।

आयुर्वेद विभाग से नहीं लेते अनुमति
दिल्ली आयुर्वेदिक विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मसाज सेंटर या स्पा चलाने वालों को आयुर्वेदिक विभाग से अनुमति की जरूरत होती है लेकिन ज्यादातर स्पा ऐसा नहीं करते। अमूमन बड़ी कंपनियों के पांच सितारा होटलों और रिसॉर्ट्स में चलने वाले स्पा विभाग से लाइसेंस लेकर ही अपना सेंटर शुरू करते हैं लेकिन इसमें सेम जेंडर और क्रास जेंडर दोनों तरह के स्पा होते हैं। लेकिन पिछले एक डेढ़ साल से कुकुरमुत्तों की तरह खुले क्रास जेंडर सर्विस देने वाले स्पा और मसाज सेंटर बिना किसी अनुमति के धड़ल्ले से इसकी में जिस्म्फरोशी का धंधा चला रहे हैं। पटियाला हाउस कोर्ट बार एसोसिशन के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ वकील आलोक कुमार पांडे बताते हैं कि बिना अनुमति और लाइसेंस के चलने वाले तमाम स्पा और मसाज सेंटर पर पुलिस व संबंधित विभागों को जाकर पड़ताल करनी चाहिए कि उन्होंने इसकी अनुमति ली है या नहीं। कई जगह तो खुद पुलिस ऐसे अनैतिक लोगों के साथ मिली होती है। आलोक पांडे बताते हैं कि आयुर्वेद विभाग से अनुमति की जगह ज्यादातर मसाज व स्पा सेंटर अपना पंजीकरण एक छोटी फर्म या सैलून के रूप में करवा लेते है ताकि कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।