निशा शर्मा।

नीतीश कुमार ने छठीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की है। जिसके बाद से उनके इस कदम को सोशल मीडिया पर हेशटैग नीतीश की घर वापिसी के तौर पर देखा जा रहा है। तो कहीं उन्हे सोनम गुप्ता बेवफा की तर्ज पर नीतीश कुमार बेवफा कहा जा रहा है।

हालांकि नजर घूमाएं तो पता लगता है नीतीश कुमार ने चंद घंटों के भीतर बिहार का सियासी परिदृश्य ही बदल दिया। शपथ ग्रहण और बीजेपी में शामिल होने के बाद 2013 के बाद बने उनके सहयोगी अब दुश्मन बनकर निकल रहे हैं तो दुश्मनों ने दोस्ती का लिबास ओढ़ लिया है। 2013 में एनडीए से अलग होने वाले नीतीश कुमार फिर से उसका हिस्सा हो गए हैं जिस हिस्सेदारी को उन्होंने 2013 में  सांप्रदायिकता के नाम पर बीजेपी के साथ खत्म किया था। सोशल मीडिया पर कहीं नीतीश कुमार की राजनीतिक सूझ-बूझ की प्रशंसा हो रही है तो कहीं उन्हे बेवफा का तमगा दिया जा रहा है। आईये देखते हैं लोग क्या कह रहे हैं-

प्रसांथ राव लिखते हैं कि नीतीश कुमार ने दुनिया को दिखा दिया कि एक कंपनी से दूसरी कंपनी में जाया जाता है वो भी बिना नोटिस पीरियड दिये-

हार्दिक आटेकर लिखते हैं कि आरएसएस मुक्त भारत करने निकले थे खुद ही खत्म हो गए। 2019 में दिल्ली में बीजेपी। विपक्ष का गेम शुरु होने से पहले ही खत्म हो गया।

https://twitter.com/bansal_dhanraj/status/890382437351440384