पं. भानुप्रतापनारायण मिश्र। 

दानवों के गुरु शुक्र अपनी शत्रु राशि सिंह में 5 जुलाई को ब्रह्ममुहूर्त में 4 बजे प्रवेश करेंगे। प्रेम संबंधों में विफलता, विवाह में बाधा, वैवाहिक संबंध में खराबी, भोग-विलास में कमी, नशीले पदार्थों के सेवन से घर-परिवार का विनाश और विपरीत लिंग के हाथों कष्ट आदि खराब फल भी यही प्रदान करते हैं।

शुक्र की दो राशियां हैं- वृष और तुला। प्रजनन क्रिया और काम भावना पर इनका पूरा प्रभाव होता है। भरणी, पूर्वाफाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा इनके नक्षत्र हैं। संगीतज्ञ, नाटककार, फिल्मी लोग, ट्रांसपोर्टर, चित्रकार, गायक और राजनेता बनाते हैं शुक्र महाराज। भृगु ऋषि इनके पिता हैं। इनकी दो पत्नियां-पितरों की पुत्री गो और देवराज इंद्र की पुत्री जयन्ती हैं।

इनकी मित्रता बुध, राहु और शनि से है। यह मालाव्य महापुरुष राजयोग बनाते हैं। विंशोत्तरी दशा में इन्हें सबसे ज्यादा समय- बीस साल दिया गया है। प्रेम विवाह की सफलता और असफलता में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। यह वृष, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुम्भ लग्न वालों को बड़ा अच्छा फल प्रदान करते हैं। इन्हें इन लग्नों में राजयोग कारक ग्रह कहा जाता है।

देवराज इंद्र को इनका अधिदेवता माना जाता है। मृतसंजीवनी विद्या इन्हें खुद भगवान शिव ने प्रदान की थी। तुला, वृश्चिक, कुम्भ और मीन राशि वालों को सिंह राशि के शुक्र के कारण सावधान रहना होगा। इसे चंद्र राशि से ही गिनना चाहिए। आइए जानते हैं सभी राशियों पर शुक्र के सिंह राशि में जाने से पड़ने वाले प्रभाव के बारे में-

मेष : पुत्र प्राप्त हो सकता है। छात्रवृत्ति मिलने की संभावना प्रबल होती है। संतान से सुख रहेगा।

वृष : सुख में वृद्धि होती है। वाहन सुख मिलता है। मित्रों की संख्या में वृद्धि होती है।

मिथुन : धन की वृद्धि, सुंदर उपकरण आदि का लाभ होता है।

कर्क : धन में वृद्धि होती है। रुका हुआ धन मिल जाता है।

सिंह : सब प्रकार का भोग-विलास उपलब्ध होता है। उपहार आदि मिलेंगे।

कन्या : किसी ना किसी प्रकार धन आता रहता है। उपहार, लोन आदि मिलता है।

तुला : अनावश्यक शक से तनाव रहेगा विवाहित और प्रेम संबंधों में। चल रहे गुप्त प्रेम का भंडाफोड़ हो सकता है।

वृश्चिक : प्रेम संबंध टूटेंगे या गलतफहमियां पैदा होंगी। विपरीत लिंग के लोंगो से उपेक्षा मिलेगी।

धनु : पर्यटन करेंगे तो भोग-विलास की सभी सामग्रियां उपलब्ध रहेंगी। सुख मिलेगा।

मकर : संपत्ति मिलेगी। उधार गया धन वापस मिलेगा। जीवनसाथी से पूरा सहयोग मिलेगा।

कुम्भ : विपरीत लिंग के लोगों से तकलीफ मिलेगी। भोग-विलास में बाधा पैदा होगी।

मीन : आपसी समझ-बूझ में कमी से विवाहित जीवन में कलह-क्लेश होगा।