निरंकारी मिशन की कमान अब बाबा हरदेव सिंह की पत्नी सविंदर कौर संभालेंगी।  सड़क दुर्घटना हरदेव सिंह की मौत के बाद सविंदर कौर को मुखिया बनाया गया है।निरंकारी मिशन की परंपरा के अनुसार बीते तीन गुरु एक ही परिवार के हुए हैं। बाबा हरदेव सिंह का कोई बेटा नहीं है। ऐसे में अटकलें थीं कि मिशन के प्रमुख पद की जिम्मेदारी उनके बड़े दामाद संदीप खिंडा को सौंपी जा सकती है। लेकिन मंगलवार देर रात प्रमुख के तौर पर सविंदर कौर के नाम पर मुहर लगी। अब साफ हो गया है कि बाबा हरदेव जी की पत्नी सविंद्र कौर ही कमान संभालेंगी। बताया जाता है कि इससे पहले भी निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी उनकी पत्नी सविंद्र कौर और उनकी माता कुलवंत कौर स्टेज पर बैठकर श्रद्धालुओं का मार्ग दर्शन करते थे। निरंकारी मिशन से दुनियाभर से लाखों लोग जुड़ें हैं जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि दुनियाभर में निरंकारी मिशन की संपत्ति अरबों रुपए में हैं। अनुमान तो यह भी है कि 100 करोड़ रुपए की संपत्ति तो सिर्फ चंडीगढ़ में ही है।

इससे पहले निरंकारी मिशन के लिए बाबा हरदेव सिंह की छोटी बेटी सुदीक्षा सिंह और दामाद संदीप खिंडा के नाम की अटकलें लगाई जा रही थी। संदीप खिंडा मिशन का अधिकतर कामकाज देख रहे थे। लंबे समय से वह इंग्लैंड स्थित अपने काम को छोड़कर नई दिल्ली में मिशन की सेवा में जुटे हुए हैं। मिशन में आने वाले वीवीआईपीज से भी संदीप खिंडा ही तालमेल बिठाते रहे हैं। हाल ही में बाबा जी की विदेश यात्रा में वह उनके साथ थे। वहीं बेटी सुदीक्षा की शादी पिछले साल जून में दिल्ली में पंचकूला निवासी अवनीत से हुई थी। अवनीत की बाबा हरदेव सिंह के साथ कार हादसे में मौत हो गई। मंगलवार को बाबा जी की छोटी बेटी सुभिक्षा को गुरु गद्दी पर बिठाए जाने की चर्चा चलती रही। लेकिन जब सविंदर कौर के नाम पर मुहर मिशन प्रमुख के लिए लग गई है तो ऐसे में छोटी बेटी सुभिक्षा को भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।

खबर है कि अंतिम संस्कार के बाद शाम को 3 से 7 बजे तक एक श्रद्धांजलि सामरोह रखा गया है। इस समारोह में मिशन की कमान संभालने के लिए किसी को स्टेज पर बैठाना होता है। ऐसे में सविंद्र कौर जी के नाम की घोषणा की जा सकती है। तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा जी के अंतिम दर्शन किए हैं।