नई दिल्ली/इस्लामाबाद। पाकिस्‍तान पतिंगे की तरह युद्ध की आग में जल जाने को बेताब है। तभी तो बार-बार परमाणु हमले की धमकी दे रहा है और एलओसी पर फायरिंग से बाज नहीं आ रहा है। जम्मू-कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) यानी नियंत्रण रेखा पर तनाव के मद्देनजर पीएम मोदी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्युरिटी (सीसीएस) की बैठक ले रहे हैं। खबर है कि भारत पाकिस्तान के साथ सीजफायर एग्रीमेंट यानी युद्ध विराम समझौता तोड़ सकता है।

उधर, पुंछ और उड़ी में हुए आतंकी हमले में जवानों की शहादत का बदला भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर 38 आतंकियों को ढेर कर के लिया है। डीजीएमओ और विदेश मंत्रालय की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया गया कि भारतीय फौज ने बुधवार देर रात नियंत्रण रेखा को पार कर गुलाम कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक किया।

डीजीएमओ ने बताया कि भारतीय सेना को सटीक खबर मिली थी कि पाकिस्तान के जरिये आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने वाले हैं। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सरजमीं में अपने बेहतरीन कमांडो भेजे थे। सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने पहली बार इस तरह के ऑपरेशन में वायुसेना की मदद नहीं ली है और भारतीय सैनिक बिना किसी खरोंच के सकुशल लौटे हैं।

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर एग्रीमेंट नवंबर 2003 में हुआ था। दोनों देशों के बीच यह तय हुआ था कि बॉर्डर और एलओसी पर फायरिंग नहीं होगी, लेकिन पाकिस्तान ने हर साल कई-कई बार सीजफायर तोड़ा है। इससे पहले 1949 में कराची एग्रीमेंट के बाद सीजफायर लागू हुआ था। बाद में, वाजपेयी सरकार के वक्त 2003 में दोबारा सीजफायर लागू हुआ।

पिछले साल अगस्त के बाद पाकिस्तान की भारी फायरिंग के कारण एलओसी के आसपास के गांवों के 32 हजार लोगों को अपना घर छोड़कर जाना पड़ा था। 1971 के बाद यह पहला मौका था, जब बॉर्डर और एलओसी पर पाकिस्तान की तरफ से इतनी ज्यादा फायरिंग हुई थी।

पाकिस्तान से सटा इंटरनेशनल बॉर्डर 2313 किलोमीटर लंबा है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में एलओसी 772 किलामीटर लंबी है। इंटरनेशनल बॉर्डर को बीएसएफ गार्ड करती है, जबकि एलओसी की हिफाजत आर्मी करती है। पाकिस्तान इंटरनेशनल बॉर्डर पर बीएसएफ की चौकियों को ज्यादा निशाना बनाता है।

पाकिस्तान ने उड़ी हमले के बाद दूसरी बार संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा और मेंढर में फायरिंग की है। हंदवाडा में दनेश और लक्ष्मी पोस्ट पर सीमा पार से फायरिंग हुई। भारतीय सेना ने भी पाकिस्तान की इस गोलाबारी का कड़ा जवाब दिया।

इससे पहले, उड़ी हमले के दो दिन बाद यानी 20 सितंबर को पाकिस्तान ने सीज़फायर का उल्लंघन करते हुए इसी सेक्टर में गोलीबारी की थी। इससे पहले 6 सितंबर और 2 सितंबर को भी सीमापार से गोलीबारी हुई थी।

आपको याद होगा कि 18 सितंबर को उड़ी में आर्मी बेस पर हुए हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। हमले को जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया। उससे भारत में काफी आक्रोश है और मोदी सरकार दुनिया के पटल पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने में लगी हुई है।