पानी के भीतर या सतह पर टॉरपीडो के साथ-साथ पोत-रोधी मिसाइलों से वार करने और रडार से बच निकलने की उत्कृष्ट क्षमता से लैस स्कॉर्पीन श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी खान्देरी को मुंबई में लॉन्च किया गया। इस मौके पर मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के परिसर में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे मौजूद थे।

डीजल और बिजली से चलने वाली ये पनडुब्बी दुश्मन नेवी पर हमला करने में कारगर साबित होगी। पनडुब्बी दुश्मन की पकड़ से बचने के लिए आधुनिक स्टेल्थ फीचर से लैस है। सटीक मारक क्षमता वाली मिसाइल के जरिए ये पनडुब्बी दुश्मन के छक्के छुड़ा सकती है।

मिसाइल लॉन्च के लिए आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले टारपीडो के अलावा आईएनएस खंडेरी में ट्यूब से लॉन्च होने वाली एंटी शिप मिसाइल्स भी मौजूद हैं। ये मिसाइल्स पानी के अंदर या सतह से दागी जा सकती हैं।

सबमरीन को दुनिया के सभी हिस्सों में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। अत्याधुनिक संचार तकनीक इसकी क्षमता को बढ़ाती है। पनडुब्बी के जरिए ऐंटी-सरफेस और ऐंटी-सबमरीन लड़ने के अलावा खुफिया सूचनाएं भी जुटाई जा सकती हैं। इसके अलावा ये सबमरीन माइन बिछाने और इलाके की निगरानी करने में भी सक्षम है। लॉन्चिंग के वक्त रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने उम्मीद जताई कि मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड से जल्द ही दूसरे देशों को भी सबमरीन सप्लाई की जाएंगी

पनडुब्बी का नामकरण मराठा सेना के एक किले पर रखा गया है। एक द्वीप पर बने इस किले ने 17वीं सदी में मराठों का वर्चस्व कायम करने में मदद की थी।