देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक की क्रेडिट कार्ड इकाई एसबीआई कार्ड ने चेक से पेमेंट करने वालों से 100 रुपये फीस वसूलने का फैसला किया है। हालांकि यह फीस सिर्फ उन्हीं ग्राहकों को देनी होगी जिनका बिल 2000 रुपये से कम होगा। साथ ही उन ग्राहकों से फीस नहीं लिया जाएगा जिनका खाता एसबीआई में है और वे काउंटर पर जाकर चेक जमा करेंगे। लेकिन अगर काउंटर पर किसी दूसरे बैंक के चेक से पेमेंट करेंगे तो फीस भरनी होगी।

एसबीआई कार्ड के एमडी और सीईओ विजय जसुजा ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में बताया कि पेमेंट की तारीख नजदीक आने पर लोग ड्रॉप बॉक्स में बड़ी संख्या में चेक डालते हैं। इससे लेट पेमेंट चार्ज को लेकर विवाद होता रहता है। हमने इसकी समीक्षा की। ऐसा संभव नहीं है कि बैंक हर महीने चेक कलेक्शन में गलती करे। ऐसे विवाद को निपटाने के लिए चेक पेमेंट्स का चलन खत्म करने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। एसबीआई कार्ड देश की अकेली ऐसी संस्था है जो बैंक नहीं है और फाइनेंस कंपनी के रूप में रजिस्टर है। यह क्लियरिंग के लिए चेक कलेक्ट करने और डिपॉजिट करने पर चार्ज वसूलती है।

जसूजा ने कहा कि 92 फीसदी लोग चेक से पेमेंट नहीं करते हैं। चेक के जरिए पेमेंट करने वाले कुल 8 फीसदी लोगों में से 6 फीसदी लोगों का बिल 2,000 रुपये से ज्यादा होता है। ऐसे में सिर्फ 2 फीसदी लोगों को ही फीस देना पड़ेगा। कंपनी ऑनलाइन पेमेंट वालों को ज्यादा से ज्यादा रिवॉर्ड पॉइंट्स भी दे रही है। एसबीआई कार्ड्स के मुताबिक बिल पेमेंट्स के 14 तरीके हैं लेकिन ज्यादातर के लिए मोबाइल या डेस्कटॉप पर इंटरनेट की जरूरत पड़ती है।

एसबीआई कार्ड स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलावा दूसरे ग्राहकों के लिए भी क्रेडिट कार्ड जारी करती है। एसबीआई के ग्राहकों के लिए डेबिट और एटीएम कार्ड भी एसबीआई कार्ड ही देती है लेकिन इसे एसबीआई की तरफ से जारी माना जाता है। एसबीआई और एसबीआई कार्ड के बीच इसके लिए आपसी समझौता है।