मलिक असगर हाशमी

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के हरियाणा दौरे से पहले कुछ पुलिस अधिकारियों की निष्क्रियता से प्रदेश का सियासी माहौल ऐसा गरमाया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को शाह के दरबार में पहुंच कर सफाई देनी पड़ गई। पिछले एक पखवाड़े से सूबे के हर हिस्से में प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का दौर जारी है। इस दौरान प्रदेश सरकार से केंद्रीय गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय महिला आयोग ने तो जवाब तलब किया ही, 18 जनवरी को प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बीएस संधू को भी राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह के सामने हाजिरी लगानी पड़ गई।

दरअसल, सूबे मेंं यह सियासी भूचाल महिलाओं के खिलाफ अपराध में अचानक हुई वृद्धि से आया है। पिछले एक महीने में छह वर्ष की मासूम से लेकर विवाहिता से सामूहिक दुष्कर्म और उनकी हत्या की एक के बाद एक वारदात सामने आई हैं। ताबड़तोड़ होने वाली इन घटनाओं से प्रदेश की लड़कियों का आत्मविश्वास डोल गया है। उन्हें अब दिन में भी घर से निकलने में डर लगने लगा है। भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य और अर्जुन अवार्ड विजेता रानी रामपाल कहती हैं, ‘एक के बाद एक सामूहिक दुष्कर्म की घटनाओं से हरियाणा की छवि खराब हुई है। जहां से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा दिया गया, वहीं बेटियां खतरे में हों, यह बेहद चिंताजनक है।’
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में अचानक आई तेजी को लेकर मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक कुछ सख्त हुए हैं। इसी क्रम में फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त डॉ. हनीफ कुरैशी का तदबाला कर दिया गया। डीजीपी बीएस संधु वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये तमाम जिले के पुलिस अधिकारियों को महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने को लेकर जरूरी हिदायतें दे चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने खुद करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत जिलों के थाने, चौकियों का औचक निरीक्षण किया और इसी दौरान पानीपत के एक चौकी प्रभारी को सस्पेंड भी किया। यह अलग बात है कि इन मशक्कतों के बावजूद न तो घटनाओं का दौर थम रहा है और न ही महिलाओं का भरोसा लौटा है। दुष्कर्म और हत्या की सबसे ज्यादा वारदात दिल्ली से सटे फरीदाबाद जिले में हो रही हैं। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक, यहां प्रत्येक तीन दिन पर दुष्कर्म का एक मामला दर्ज किया जा रहा है। 13 जनवरी की रात इस औद्योगिक शहर में निर्भया कांड दोहराया गया। ओल्ड फरीदाबाद के राजीव गांधी चौक से ड्यूटी कर आॅटो से घर लौटते समय 22 वर्षीय युवती का चार युवकों ने अपहरण कर लिया और एक सफेद स्कार्पियो में पलवल ले गए। रास्ते में युवती से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसे रोड किनारे फेंककर भाग गए। इस मामले में मेवात और राजस्थान के युवक कई दिनों के प्रयास के बाद पकड़े गए।

इस शहर में पुलिस ढिलाई का नमूना तब देखने को मिला जब इस युवती के अपहरण और दुष्कर्म की घटना को लेकर पुलिस हर तरफ आरोपियों को सूंघती फिर रही थी, उसी दौरान ग्रेटर फरीदाबाद इलाके से दो आॅटो चालक एक छात्रा को घर छोड़ने के बहाने एक सुनसान इलाके में ले गए जहां पहले से मौजूद अपने दो अन्य साथियों के साथ उन्होंने मुंह काला किया। इन दो वारदात से पहले बल्लभगढ़ की अज्जी कॉलोनी की एक छह वर्षीय मासूम और एक महिला को क्राउन इंटीरियर मॉल के बेसमेंट में शिकार बनाया गया। फरीदाबाद में गैंगरेप की ताजा घटना नीमका गांव में एक 40 वर्षीय महिला के साथ घटी। घर में घुसकर छह लोगों ने महिला को चारपाई से बांध दिया और दुष्कर्म किया।

बच्चियों एवं महिलाओं से दरिंदगी की वारदात हिसार, जींद, कुरुक्षेत्र, पानीपत में भी हुई हैं। हिसार में एक छह साल की बच्ची से दरिंदगी की इंतहा कर दी गई। झोपड़ी में मां-बाप के साथ सो रही छह साल की बच्ची को उठाकर पहले उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और बाद में गुप्तांग में लकड़ी डालकर मार डाला गया। ठीक इसी तरह दो वर्ष पहले रोहतक के चिन्यौट कॉलोनी की एक नेपाली महिला से सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसके गुप्तांग में सीमेंट, कांच, लोहे के रॉड डालकर उसे मारा गया था। पानीपत में 12 वर्ष की छात्रा को दरिंदों ने अपनी हवस का शिकार बनाया तो सोनीपत में शौच के लिए जाने वाली एक किशोरी दुष्कर्मियों के हत्थे चढ़ गई। पंचकूला एवं जींद में भी बलात्कार की घटनाओं को अंजाम दिया गया। जींद में एक युवक ने फेसबुक पर दोस्ती गांठकर हांसी रोड की एक लड़की का अपहरण कर लिया। गुरुग्राम के फर्रूखनगर में एक छात्रा से चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म किया गया। फतेहाबाद की आॅफिसर कॉलोनी में महिला को अकेली पाकर कुछ बदमाश उसके घर में घुस आए और उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। रोहतक में भजन गायिका ममता शर्मा की हत्या कर शव को मुख्यमंत्री के गांव बनियानी के खेत में फेंक दिया गया।

महिलाओं के प्रति अपराध के नए आंकड़ों को लेकर भले अभी बवाल मचा हो पर इस मामले में हरियाणा की छवि राष्ट्रीय स्तर पर पहले से खराब है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट चिंतानक है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, महिलाओं से दुष्कर्म और हत्या की वारदात में पिछले तीन वर्षों में बड़ा उछाल आया है। इन अपराधों में यह सूबा देश में छठे नंबर पर है। 2016 में इन अपराधों में 9,839 मामले दर्ज किए गए। पिछले एक वर्ष में गैंगरेप की वारदात में 11 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसी तरह दहेज के लिए हत्या में भी 15 फीसदी का इजाफा हुआ है। चूंकि गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास है इसलिए वे विपक्ष के सीधे निशाने पर हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता इंडियन नेशनल लोकदल के अभय चौटाला का कहना है, ‘गृह विभाग अपने पास रखने के बावजूद महिलाओं के खिलाफ अपराध न रोक पाने की जिम्मेदारी लेते हुए खट्टर को मुख्यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए।’

मासूमों से यौनाचार के मामले भी बढ़े
भ्रूण हत्या और लिंगानुपात के लिए बदनाम हरियाणा की स्थिति अब भले ही पहले से बेहतर (एक हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या 914 पर पहुंच गई है) हो गई है लेकिन इसके साथ ही छोटी बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों में भी भारी उछाल आया है। पिछले नौ महीने में पॉक्सो एक्ट यानी प्रोटेक्शन आॅफ चिल्ड्रिेन फ्रॉम सेक्सुएल अफेंसेज के तहत हरियाणा में 1,106 मामले दर्ज किए गए जबकि एक वर्ष में कुल 1,425 मामले दर्ज हुए। इसके बावजूद लापरवाही का आलम यह है कि ऐसे मामलों को अधिकांश जिलों की पुलिस ने गंभीरता से लिया ही नहीं। यही वजह रही कि इस एक्ट के तहत दोषी ठहराए जाने का प्रतिशत रेवाड़ी, नारनौल, मेवात जैसे जिलों में शून्य है। फरीदाबाद, फतेहाबाद, पानीपत, जींद आदि में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म और हत्या की कई वारदात हुर्इं तो प्रदेश के पुलिस मुखिया बीएस संधू को भी पॉक्सो के बढ़ते मामले की रोकथाम का ख्याल आया। उन्होंने अब प्रदेश के तमाम एसपी, डीएसपी को सख्त हिदायत दी है कि यदि महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों की रोकथाम और जांच में कोताही बरती गई तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पॉक्सो के तहत सर्वाधिक मामले 2017 में फरीदाबाद में दर्ज किए गए। जिले में छह और आठ वर्ष की बच्चियों के यौन शोषण की कई वारदात सामने आर्इं। इस लिहाज से यहां दोषी ठहराए जाने का प्रतिशत बहुत कम रहा। एक साल में केवल 13 आरोपी दोषी ठहराए जा सके। इस लिहाज से गुरुग्राम और रोहतक की दशा भी कुछ ठीक नहीं है। गुरुग्राम में साल भर में मामले दर्ज किए गए 150 और सजा की तादाद है 46। रोहतक में 135 के मुकाबले 58 मामलों में सजा हुई। इस मामले में पंचकूला और चरखी दादरी का रिकॉर्ड सबसे बढ़िया रहा। दोनों जिलों में पॉक्सो के सालभर में क्रमश: 34 और 16 मामले दर्ज किए गए और सभी में आरोपी दोषी करार दिए जा चुके हैं। अंबाला और पलवल का रिकॉर्ड भी बेहतर रहा। प्रदेश की महिला बाल कल्याण मंत्री कविता जैन की दलील है कि सरकार की ओर से इन मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है। समय-समय पर ऐसी घटनाओं की समीक्षा भी होती रहती है। हालांकि सामाजिक कार्यकर्ता स्वर्णलता मलिक कुछ और ही कहती हैं। उनका कहना है कि बच्चियों के यौन शोषण की रोकथाम में कोताही का उनके भविष्य पर बुरा असर पड़ रहा है। जो इस अमानवीयता की शिकार होती हैं उन्हें जीवन भर एक तरह की सजा कटनी पड़ती है। इसलिए पुलिस के लिए जरूरी है कि या तो वह ऐसी घटनाएं होने न दे और यदि दुर्भाग्यवश हो भी जाए तो दोषी किसी तरह बच न पाए ताकि पीड़ित को यह संतोष रहे कि उसकी जिंदगी खराब करने वाले को उसके किए की सजा मिली।

खट्टर सरकार के खिलाफ विपक्ष का बिगुल
महिलाओं के खिलाफ बढ़ती ताजा घटनाओं को लेकर हरियाणा में सियासत चरम पर है। पीड़िताओं के घर नेताओं के पहुंचने का सिलसिला बना हुआ है। कांग्रेस, इनेलो एवं वाम दलों के आह्वान पर 16 और 17 जनवरी को हरियाणा के कई जिलों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विधानसभा में कांग्रेस की नेता किरण चौधरी सहित विपक्षी नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। दिल्ली में भी हरियाणा भवन के बाहर प्रदर्शन किया गया। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शारदा राठौर तो मुख्यमंत्री के नाम फरीदाबाद के उपायुक्त को भारी मात्रा में चूड़ियां सौंप आर्इं। इसके अलावा कानून-व्यवस्था पर कांग्रेस एक बड़ी रैली करने की योजना बना रही है जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को बुलाया जाएगा। इस पर प्रदेश के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का कहना है कि दुराचार की वारदात पर विपक्ष को राजनीतिक रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए। जवाब में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य कुमारी शैलजा कहती हैं, ‘यह सूबा महिला अपराध की राजधानी बन गया है। यहां के हालात ठीक नहीं हैं। ऐसे में भाजपा सरकार चाहती है कि विपक्ष मौन साध ले।’

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है, ‘72 घंटे में दरिंदगी की ताबड़तोड़ वारदात होने के बाद सरकार के बेटी बचाओ अभियान का कोई औचित्य नहीं रह जाता। यहां राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।’ सूबे में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के संयोजक और भाजपा के मीडिया प्रमुख राजीव जैन ने सरकार को फास्ट ट्रैक कोर्ट में दुष्कर्म के तमाम मामले निपटाने के सुझाव दिए हैं। मजे की बात है कि इन वारदात से पहले विपक्षी दल सुस्ती का शिकार थे। अशोक तंवर को दोबारा प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने के बाद हुड्डा और तंवर खेमे में वाकयुद्ध चल रहा था। जबकि इनेलो अपनी जनसभा की तैयारियों में लगा था। जनवादी महिला समिति जैसे वाम संगठनों का तो कहीं अता-पता भी नहीं था। मगर महिलाओं के खिलाफ बढ़े अपराधों ने उनमें नई राजनीतिक ताजगी ला दी। सरकार ने इन वारदात के बाद गर्ल्स स्कूलों, कॉलेजों, कंपनियों के बाहर, भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री खुद महिला सुरक्षा पर नजर रख रहे हैं। इस दिशा में कुछ आवश्यक कदम भी उठाए गए हैं। सूबे में सार्वजनिक स्थानों पर एंटी रोमियो अभियान चलाया जा रहा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि यदि यह सब पहले और रूटीन मेंं हुआ होता तो आज विपक्ष को सरकार के विरुद्ध बिगुल फूंकने का ठोस आधार नहीं मिलता। वह भी ऐसे समय जब अमित शाह पंद्रह फरवरी को हरियाणा प्रवास पर आ रहे हैं। उनकी मौजूदगी में किसी तरह का टंटा न हो इसके लिए मुख्यमंत्री का कार्यकर्ताओं से मिलने और विरोधियों को साधने का कार्यक्रम चल रहा था। यह सब छोड़कर अब वह महिला सुरक्षा चौकस करने में लगे हैं। उल्लेखनीय है कि अमित शाह का हरियाणा दौरा लोकसभा की तैयारियों के सिलसिले में होने वाला है।

कांग्रेस शासन की शर्मसार करने वाली घटनाएं
अपना घर कांड (7 मई, 2012) : तत्कालीन सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गृह जिले रोहतक का यह मामला शायद सामने नहीं आता अगर मीडिया इसे मजबूती से नहीं उठाता। ‘अपना घर’ की जिस संचालिका को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था उसे हुड्डा सरकार ने सम्मानित किया था। उस संचालिका पर अधिकारियों के सामने बच्चियां परोसने के आरोप लगे थे। जांच टीम में शामिल वकील उत्सव बैंस भी बच्चों के शोषण की बात कह चुके हैं।

सच्चा खेड़ा गैंगरेप (7 अक्टूबर, 2012) : जींद के सच्चा खेड़ा में गैंगरेप के बाद आत्मदाह करने वाली वाल्मीकि समुदाय की किशोरी के परिवार को इंसाफ के लिए मशक्कत करनी पड़ी थी। इस घटना का मर्म समझकर तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आई थीं।
रोहतक रेप पीड़ित खुदकुशी : 23 अप्रैल, 2013 को रेप पीड़िता के परिवार ने जहर खा लिया जिसमें मां और बेटी की मौत हो गई थी। यह घटना हिसार के उकलाना के पास हुई थी।