रोनू तूफान

मॉनसून के आने से पहले  ‘रोनू’ नाम का समुद्री तूफान आ गया है और इस वजह से तमिलनाडु से लेकर आंध्रप्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों में भारी बारिश हुई है। खास तौर से आंध्रप्रदेश में हालात ज्यादा खराब हैं। गहरे दवाब का क्षेत्र बनने से आये तेज चक्रवाती तूफान  ‘रोनू’ की वजह से आंध्र प्रदेश के नेलोर जिले में काफी जान माल की क्षति हुई है। जगह-जगह पेड़ और बिजली के खंभे टूट कर गिर गये हैं। भारी बारिश और तेज हवाओं की वजह से बहुत नुकसान हुआ है। तेज हवाओं ने जहां पेड़ को जड़ से उखाड़ दिया है वहीं शहर की बिजली व्यवस्था को पूरी तरह  ध्वस्त कर दिया है। बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी-मध्य भाग में बने गहरे दबाव से आये इस तूफान ने नेलोर के कई भागों को  बुरी तरह प्रभावित किया है।

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों को निर्देश जारी कर राहत एवं बचाव कार्य के लिए सभी जरूरी कदम उठाने को कहा है।मौसम विभाग ने ओडिशा के कुछ भागों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने मछुआरों को भी सलाह दी है कि वे ओडिशा तट से समुद्र में प्रवेश नहीं करें।

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि पश्चिम-मध्य तथा इससे सटे दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में बना हुआ गहरा दबाव और तेज होकर चक्रवाती तूफान रोआनू में तब्दील होने से पहले उत्तर एवं उत्तर-पूर्व की ओर चला गया है।

राहत अभियानों पर नजर रखने के लिए प्रत्येक मंडल में विशेष अधिकारियों को तैनात करने का निर्देश जारी किया गया है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और दमकल विभाग के कर्मियों को राहत एवं बचाव अभियान पर लगाने का निर्देश भी दिया। उनका कहना है कि हमें पहले से ही किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।