अमेरिका के दिग्गौज अर्थशास्त्री रिचर्ड एच थेलर को इकोनॉमिक्स  का नोबल दिया गया है। इस साल के इकोनॉमिक्सब नोबेल की रेस में भारत की ओर से आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन भी शामिल थे। लेकिन आखिरी मौके पर वह चूक‍ गए। राजन और थेलर के अलावा अन्य 4 लोग भी इस रेस में शामिल थे। रॉयल स्वी डिश अकेडमी ने कहा कि थेलर ने इकोनॉमिक्स और साइकोलॉजिकल एनालिसिस के बीच एक ब्रिज बनाने का काम किया है। …

12 सितंबर, 1945 को जन्मे अमरीकी अर्थशास्त्री थेलर शिकागो विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। वह अर्थशास्त्र में कई प्रसिद्ध किताबें लिख चुके हैं

नोबेल ज्यूरी ने कहा कि साइकोलॉजी और इकोनॉमिक्सम के तार किस तरह जुड़े हैं,  इस क्षेत्र पर थेलर ने काफी काम किया है। उन्होंने किसी व्यक्ति के आर्थिक फैसले लेने के पीछे के मनोवैज्ञानिक कारणों की व्यावहारिक अर्थशास्त्र की सूक्ष्म पड़ताल की है। यही वजह है कि ज्यूररी ने इनके नाम पर मुहर लगाई है।

नोबेल पुरस्कार के निर्णायक मंडल ने एक बयान में कहा कि थेलर का अध्ययन बताता है कि किस प्रकार सीमित तर्कसंगता, सामाजिक वरीयता और स्व-नियंत्रण की कमी जैसे मानवीय लक्षण किसी व्यक्ति के निर्णय को प्रक्रियागत तौर पर प्रभावित करते हैं और इससे बाजार के लक्षण पर भी प्रभाव पड़ता है।