मोदी सरकार नौकरशाही को सुव्यवस्थित और गतिरोध दूर करने के लिए काम कर रही है. सूत्रों का कहना है कि पिछले चार सालों के दौरान यानी 2015 और 2018 के बीच केंद्र ने 1100 से अधिक आईएएस अधिकारियों के सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा की, विशेष रूप से उनकी, जिन्होंने 25 साल की सेवा या 50 साल की आयु पूरी कर ली है. नियमानुसार, संबंधित राज्य सरकार के परामर्श से केंद्र सरकार किसी भी आईएएस अधिकारी को लिखित रूप में कम से कम तीन महीने का नोटिस या तीन महीने के वेतन-भत्ते लेकर सार्वजनिक हित में सेवानिवृत्त होने के लिए कह सकती है. सूत्रों के मुताबिक, कुल 1,143 अधिकारियों में से छत्तीसगढ़ कैडर के दो, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम, केंद्र शासित प्रदेशों (या एजीएमयूटी कैडर) एवं बिहार के एक-एक अधिकारी ने समय से पहले सेवानिवृत्ति का अनुरोध किया. आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, त्रिपुरा एवं उत्तराखंड ने केंद्र के रिमाइंडर के बावजूद अधिकारियों के सर्विस रिकॉर्ड की गहन समीक्षा नहीं की. उम्मीद है, केंद्र इस बात पर जोर देगा कि उक्त राज्य सुशासन सुनिश्चित करने के लिए अपने अधिकारियों के सर्विस रिकॉर्ड की समीक्षा अवश्य करें.