हैदराबाद।  हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में स्थित छात्रावास में पीएचडी के दलित छात्र रोहित वेमुला के खुदकुशी किए जाने के मामले में केंद्रीय श्रम राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, कुलपति अप्पा राव सहित दो अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ एससी एसटी/एक्ट के तहत शहर के गच्चीबाउली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस थाने के प्रभारी रमेश कुमार ने इसकी पुष्टि मीडिया से की है। रोहित वेमुला ने रविवार रात को छात्रावास के अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। रोहित उन पांच छात्रों में एक था, जिसे पिछले साल अगस्त में हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) द्वारा निलंबित कर दिया गया था।

bandaru_dattatreyaकहा जा रहा है कि इन छात्रों को बंडारू दत्तात्रेय की अनुशंसा पर ही निलंबित किया गया था। इस मामले को उठा रहे छात्रों ने कहा कि दत्तात्रेय ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को इस संबंध में पत्र लिखा था। बहरहाल, सुरक्षा के मद्देनजर यूनिवर्सिटी में धारा 144 लगा दिया गया है। वहीं, दिल्ली में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के सामने भी इस मामले में छात्रों ने प्रदशर्न किया। इस संबंध में दत्तात्रेय ने बयान दिया है कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री को लिखे उनके पत्र का छात्र की आत्महत्या से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक छात्र विश्वविद्यालय के माहौल को खराब कर रहे थे, मैंने उसी संबंध में पत्र लिखा था।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने दो सदस्यीय एक दल हैदराबाद जांच के लिए भेजा है। स्मृति ईरानी ने छात्र के परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है। हमने जांच दल से विश्वविद्यालय की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है।smriti-irani

इससे पहले छात्रों का एक समूह वेमुला के शव को लेकर छात्रावास के बाहर रात भर धरने पर बैठा रहा। सोमवार सुबह पुलिस का एक दल यहां पहुंचा और आठ छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके साथ ही पुलिस छात्र के शव को साथ ले गई।

पहले निर्दोष करार दे चुकी थी यूनिवर्सिटी
रोहित गुंटूर ज़िले का रहने वाला था और समाजशास्त्र में पीएचडी कर रहा था। वह यूनविर्सिटी से निकाले जाने के बाद से कैंपस के बाहर तंबू लगाकर रह रहा था। उसके साथ चार और स्टूडेंट्स वहीं रहने को मजबूर थे क्योंकि उन पर भी हॉस्टल में घुसने पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। अंबेडकर यूनियन के सदस्य इन पांचों दलित स्कॉलर्स पर भाजपा की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक कार्यकर्ता पर हमला करने के आरोप थे। गैरतलब है कि यूनिवर्सिटी ने रोहित समेत सभी को प्राथमिक जांच में निर्दोष करार दिया था। लेकिन बाद में जब कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखी थी, तब यूनिवर्सिटी ने अपना फैसला पलट दिया।

छात्रों का सामाजिक बहिष्कार
17 अगस्त को लिखे पत्र में दत्तात्रेय ने आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय एक छात्र पर हमले को ‘खामोशी से देखता रहा’। पत्र में यूनिवर्सिटी को ‘अतिवादियों, जातिवादियों और राष्ट्रविरोधी राजनीति’ का गढ़ तक कहा गया। 21 दिसंबर को इन पांच छात्रों को कथित तौर पर हॉस्टल में घुसने से प्रतिबंधित कर दिया गया। साथ ही उन्हें मेस, लाइब्रेरी और कई दूसरे कॉमन एरिया में घुसने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया। इन छात्रों ने आरोप लगाया है कि उनका बाकायदा सामाजिक बहिष्कार किया गया।