राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन ने ही अपने शूटरों के जरिये हिंदुस्तान अखबार के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या करवाई थी।राजदेव की हत्या शहाबुद्दीन के खिलाफ खबर लिखने की वजह से हुई थी। हत्या की पूरी साजिश सीवान जेल में ही रची गई थी। उस समय शहाबुद्दीन सीवान जेल में ही बंद थे। इस हत्याकांड की जांच करने वाली देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में यह बात कही है। सीबीआई ने शहाबुद्दीन और अन्य छह के खिलाफ मंगलवार को मुजफ्फरपुर की विशेष सीबीआई अदालत की न्यायिक दंडाधिकारी अनुपम कुमारी के कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।

चार्जशीट में शहाबुद्दीन के अलावा छह अन्य आरोपियों अजहरुद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां, रिशु कुमार जायसवाल, रोहित कुमार, विजय कुमार, राजेश कुमार व सोनू कुमार गुप्ता के नाम शामिल हैं। मो. कैफ उर्फ बंटी तथा मो. जावेद के खिलाफ जांच जारी रखने की बात कहते हुए चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। मो. कैफ व जावेद फिलहाल जमानत पर हैं जबकि शहाबुद्दीन सहित सात आरोपी फिलहाल जेल में हैं। शहाबुद्दीन को दिल्ली के तिहाड़ जेल में रखा गया है।

सीबीआई के डीएसपी सुनील सिंह रावत व सीबीआई के स्पेशल पीपी दीपनारायण ने चार्जशीट में कहा है कि पत्रकार राजदेव की हत्या शहाबुद्दीन के खिलाफ अखबार में खबर छपने के कारण की गई। अपने खिलाफ अखबार में खबर छपने से शहाबुद्दीन नाराज थे। उन्होंने अपने गुर्गों से गोली मरवाकर राजदेव की हत्या करा दी। सीबीआई ने शहाबुद्दीन सहित सभी सात आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), धारा -302 (हत्या) व आर्म्स एक्ट की धारा 27 (अवैध अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग) लगाई है।

पिछले साल 13 मई को सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी आशा रंजन ने सिवान टाउन थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच में लड्डन मियां, मो. कैफ उर्फ बंटी, रिशु कुमार जायसवाल व मो. जावेद सहित अन्य की संलिप्तता पाते हुए सिवान के सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।पुलिस की जांच में शहाबुद्दीन का नाम तब तक सामने नहीं आया था। बाद में राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया था। इसके बाद शहाबुद्दीन का नाम सामने आया। आशा रंजन की याचिका की सुनवाई पर 14 अगस्त को सीबीआई ने दो सप्ताह के अंदर निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल करने का आश्वासन दिया था।

न्यायिक हिरासत में लिए जाने के बाद सीबीआई ने शहाबुद्दीन को आठ दिनों की रिमांड पर लेकर 50 से अधिक सवाल किए थे। बाद में उनका नार्को, ब्रेन मैपिंग व लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की सहमति देने के लिए विशेष कोर्ट में सीबीआई ने अर्जी दाखिल की। पूर्व सांसद ने इसका विरोध किया। कोर्ट ने सीबीआई की अर्जी खारिज कर दी थी।