नई दिल्ली।

रेल यात्रियों को ई-टिकट पर सर्विस चार्ज से छूट की सुविधा 30 जून तक जारी रहेगी। यात्रियों की मदद करने और टिकट आरक्षण के लिए डिजिटल माध्यम से उन्हें भुगतान करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से इससे पहले 23 नवंबर 2016 से 31 मार्च 2017 तक ऑनलाइन टिकट बुक कराने पर सर्विस चार्ज को हटा लिया गया था।

रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस अवधि का विस्तार 30 जून तक के लिए कर दिया गया है। इस संबंध में रेलवे को सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से संकेत दिए गए थे जिसके बाद यह फैसला लिया गया। आईआरसीटीसी के जरिये ऑनलाइन ट्रेन टिकट बुक कराने पर 20 से 40 रुपये प्रति टिकट सर्विस चार्ज लगता है। डिजिटल माध्यम से भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नवंबर में नोटबंदी के बाद सर्विस चार्ज को हटा लिया था।

रेलवे ने इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री की सलाह पर सर्विस चार्ज में छूट देने की तारीख बढ़ाने का फैसला लिया है। रेलवे के डाटा के मुताबिक, 23 नवंबर 2016 से 28 फरवरी 2017 के बीच सर्विस चार्ज और सर्विस टैक्स के तौर पर मिलने वाला 184 करोड़ रुपया पैसेंजर्स की ओर से नहीं दिया गया।

सर्विस चार्ज को ऐसे समझिए

छूट से पहले रेलवे, एसी कोच में ऑनलाइन टिकट करने पर 40 रुपये और स्लीपर में 20 रुपये के हिसाब से सर्विस चार्ज लेता था।

यानी अगर एसी कोच में किराया 500 रुपये है तो सर्विस टैक्स मिलाकर आपके 540 रुपये कटते थे।

वहीं, स्लीपर में अगर किराया 500 रुपये है, सर्विस टैक्स मिलाकर 520 रुपये कटते थे।

ऑनलाइन बुकिंग पर 10 लाख का बीमा कवर

आईआरटीसी की साइट से टिकट बुक करवाने पर पैसेंजर्स को 10 लाख तक का बीमा कवर मिलता है। 92 पैसे के प्रीमियम पर ये बीमा उपलब्ध कराया जाता है।

वेटिंग टिकट दूसरी ट्रेन में होगी कन्फर्म

हाल ही में सुरेश प्रभु ने बताया, “एक अप्रैल से रेलवे ने एक सुविधा शुरू की है, जिसके तहत अगर पैसेंजर का टिकट वेटिंग है और कन्फर्म नहीं हो पाया है, तो उसे उसी जगह से जाने वाली दूसरी ट्रेन में कन्फर्म टिकट दी जाएगी।”

“अगर राजधानी जा रही है, तो उसमें भी पैसेंजर की टिकट कन्फर्म करके दी जाएगी। पैसेंजर्स को उसी किराये पर राजधानी या दूसरी ट्रेनों में सफर की सुविधा मिलेगी।”

टीटीई हैंडल के जरिये भी कन्फर्म होगा टिकट

सुरेश प्रभु ने कहा था, “सरकार ट्रेनों में पेपरलेस वीआईपी  कोटा पर काम कर रही है। इंटरनेट से टिकट बुक करने और कैंसल करने की प्रॉसेस को आधार से जोड़ने का प्रपोजल है। इस नए सिस्टम के जरिये शॉर्ट नोटिस पर टिकट बुक करने और कैंसलेशन की प्रॉब्लम सॉल्व हो जाएगी।”

“रेलवे ने एक नई सर्विस शुरू की है, जिसमें टीटीई ही टीटीई हैंडल के जरिये पैसेंजर्स का टिकट कन्फर्म कर सकता है, ये टीटीई हैंडल सेंट्रल सिस्टम से लिंक्ड रहेगा, ताकि करप्शन पर नजर रखी जा सके।”