नई दिल्‍ली। राहुल गांधी आरएसएस की मानहानि मामले में ट्रायल का सामना करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्‍पतिवार को कांग्रेस उपाध्‍यक्ष के वकील की यह अपील खारिज कर दी कि लोअर कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान मौजूद रहने से उन्हें छूट दी जाए। वकील ने कोर्ट में कहा, “राहुल आरएसएस की तरफ से लगाए गए आरोपों का सामना करने को तैयार हैं। वह महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस के खिलाफ दिए अपने बयान के हर शब्द पर कायम हैं।” इसी के साथ वकील ने राहुल के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे को खारिज करने की अपनी पिटीशन वापस ले ली। इस मामले में राहुल ने पहले कहा था कि उन्होंने गांधी की हत्या के लिए आरएसएस के बजाय उससे जुड़े लोगों को दोषी ठहराया था। राहुल के इस बदले रवैये पर भाजपा ने कहा है कि उन्हें भूलने की बीमारी है।

राहुल गांधी पर 2015 में महाराष्ट्र के भिवंडी में एक इलेक्शन रैली में अपनी स्पीच के दौरान आरएसएस की मानहानि करने का आरोप है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल ने अपनी स्पीच में 1948 में हुई महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को दोषी ठहराया था। राहुल के खिलाफ मानहानि केस आरएसएस की भिवंडी यूनिट के सेक्रेटरी राजेश कुंटे ने दायर किया था। कुंटे का कहना है कि कांग्रेस लीडर ने अपनी स्पीच के जरिए आरएसएस की इमेज को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। राहुल अब भिवंडी कोर्ट में ट्रायल का सामना करेंगे।

आरएसएस के वकील ने कहा कि कांग्रेस नेता के खिलाफ केस वापस ले लिया जाएगा अगर वह सार्वजनिक तौर पर यह मानें कि उन्होंने गांधी की हत्या के लिए एक इंस्टीट्यूशन के रूप में आरएसएस को दोषी नहीं ठहराया था। राहुल के वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने आरएसएस की यह मांग मानने से इनकार कर दिया। कहा- “राहुल आरएसएस के बारे में कहे अपने हर शब्द पर आज भी कायम हैं और वह आगे भी अपने शब्द कभी वापस नहीं लेंगे।” राहुल की तरफ से कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट में यह बयान दिया गया था कि उन्होंने गांधी की हत्या के लिए आरएसएस की बजाय उससे जुड़े लोगों को दोषी ठहराया था। राहुल ने बयान में कहा था कि केस दर्ज कराने वाले महाराष्ट्र के आरएसएस के एक्टिविस्ट ने उनके कमेंट्स का गलत मतलब निकाला था।

राहुल गांधी ने 25 अगस्त को एक ट्वीट में आरएसएस पर हमला बोला था। लिखा था- “मैं अपने कहे हर शब्द पर कायम हूं। आरएसएस के नफरत और बंटवारे के एजेंडे के खिलाफ मेरी लड़ाई कभी बंद नहीं होगी।” राहुल ने ट्वीट के साथ महाराष्ट्र के भि‍वंडी में दी गई अपनी स्पीच का वीडियो भी शेयर किया था। राहुल का यह बयान सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी के बाद सामने आया था। जिसमें कोर्ट ने कहा था- “हमें लगता है कि आरोपी ने आरएसएस को उस संगठन के रूप में जिम्मेदार नहीं ठहराया है जिसने गांधी की जान ली थी, बल्कि इससे जुड़े एक शख्स को दोषी ठहराया था।” भाजपा नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा- “राहुल एम्नीसिया (भूलने की बीमारी) से पीड़ित हैं।” भाजपा प्रवक्‍ता संबित पात्रा ने कहा- “राहुल आज ऐसे नेता के तौर पर दिख रहे हैं जो कभी कुछ कहते हैं तो कभी कुछ। कांग्रेस में बेटा और दामाद दोनों ही संकट में हैं।”