band mil karkhane

अक्सर राजनीतिक उठापटक देखने वाली सीवान की जनता अभी पूरी तरह चुप है. उम्मीदवार जनता के बीच जाते हैं, तो उन्हें जवाब मिलता है कि यहां सारे वोट आपके हैं. हर उम्मीदवार यही आश्वासन पा रहा है. लेकिन, पीठ पीछे लोग यह कहने से परहेज नहीं करते कि इस बार विकास के नाम पर वोट देंगे, जाति- मजहब के नाम पर नहीं.

देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद एवं स्वतंत्रता सेनानी मौलाना मजहरुल हक जैसे महान सपूतों का गृह जिला सीवान हमेशा से पूरे देश में चर्चा का विषय रहा है. लोकसभा चुनाव को लेकर यहां का राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ रहा है. सीवान के आधा दर्जन से ज्यादा मिल-कारखाने अर्से से बंद हैं. बेकारी ने स्थानीय लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. यही इस चुनाव में क्षेत्र का मुख्य मुद्दा भी है. एनडीए ने इस बार भाजपा के मौजूदा सांसद ओम प्रकाश यादव के स्थान पर दरौंदा की जदयू विधायक कविता सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं महागठबंधन ने पूर्व राजद सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को मैदान में उतारा है. दरौली के पूर्व विधायक अमर नाथ यादव भाकपा (माले) के उम्मीदवार हैं.हिना शहाब और अमर नाथ यादव पिछले तीन चुनावों से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. यहां लड़ाई त्रिकोणीय है. सीवान के गुठनी, दरौली, मैरवा, नौतन, रघुनाथपुर एवं हसनपुरा आदि इलाकों में भाकपा का दबदबा है. मैरवा एवं दरौली विधानसभा सीटें लंबे समय तक उसके कब्जे में रही हैं, इसलिए अमर नाथ यादव के आने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. रिटायर्ड आईपीएस सुधीर कुमार शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सतेंद्र कुशवाहा भी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं.

अक्सर राजनीतिक उठापटक देखने वाली सीवान की जनता अभी पूरी तरह चुप है. उम्मीदवार जनता के बीच जाते हैं, तो उन्हें जवाब मिलता है कि यहां सारे वोट आपके हैं. हर उम्मीदवार यही आश्वासन पा रहा है. लेकिन, पीठ पीछे लोग यह कहने से परहेज नहीं करते कि इस बार विकास के नाम पर वोट देंगे, जाति- मजहब के नाम पर नहीं. शहरी एवं ग्रामीण इलाकों के ज्यादातर लोग मिल-कारखानों की बंदी पर सवाल उठाते हैं. वे कहते हैं कि इसके चलते हजारों कारीगर-मजदूर भुखमरी की कगार पर आ खड़े हुए. लेकिन, किसी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. किसान खाद, बीज व सिंचाई को लेकर परेशान हैं, उम्मीदवार उन्हें जवाब नहीं दे पा रहे हैं.

वैसे सीवान में जातीय फैक्टर हावी है, लोगों को जाति के नाम पर गोलबंद करने की कोशिश जारी है. पिछले चुनाव में ओम प्रकाश यादव ने हिना शहाब को हराया था. तीसरे स्थान पर रहे थे भाकपा उम्मीदवार अमर नाथ यादव. इस बार ओम प्रकाश का टिकट कटने से राजनीतिक समीकरण थोड़े गड़बड़ाए हैं. सबकी नजर यादव वोटरों पर है कि क्या वे एनडीए उम्मीदवार को अपना समर्थन देंगे या किसी अन्य को चुनेंगे. बहरहाल, किसी भी उम्मीदवार की राह आसान नहीं दिख रही है. शिवसेना उम्मीदवार एवं रिटायर्ड आईपीएस सुधीर कुमार का कहना है कि सीवान को अपराधमुक्त कराने में उनका अहम योगदान रहा है, इसलिए जनता उन्हें अपना आशीर्वाद दे रही है. जिले में आठ विधानसभा क्षेत्र हैं, सीवान, जीरादेई, दरौली, रघुनाथपुर, दरौंदा, बड़हरिया, गोरेया कोठी एवं महराजगंज. सीवान लोकसभा सीट के लिए नौ लाख ३८ हजार 734 पुरुष एवं आठ लाख ५५ हजार 187 महिलाएं अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. जनपद में कुल 1,787 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. आगामी १२ मई को होने वाले मतदान के लिए प्रशासन ने बड़े पैमाने पर सुरक्षा के इंतजाम किए हैं.