देबदुलाल पहाड़ी।

प्रोफेसर बलराम भार्गव ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक का पदभार संभाला है। साथ में स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) के सचिव का पद भी ।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली (एम्स) में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर और साथ मैं वह बायोमेडिकल अनुसन्धान और सार्वजनिक स्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में एक जाना मन नाम है ।
दवा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया। डॉ भार्गव ने (स्टैनफोर्ड इंडिया जैव-डिज़ाइन केंद्र की स्थापना की।

प्रोफेसर भार्गव ने स्वदेशी कम लागत वाले कार्डियोलॉजिकल स्टेंट (कोरोनरी स्टंट ) को खुद विकसित किया है। वर्तमान परियोजना में प्लैटिनम इरिडियम स्टान्ट जो की एक छाती संपीड़न उपकरण का विकास किया है, जो अचानक दिल का दौरा से पीड़ित रोगियों के लिए उपयोगी साबित हुई है ।

उन्होंने सोसाइटी फॉर लेस इन्टेक्टीवेटिव मेडिसीन (एस एल आई एम) की भी स्थापना की है। जिसका लक्ष्‍य है अनावश्यक परीक्षणों और अत्यधिक चिकित्सा जांच के रुझान के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना ।