ओपिनियन पोस्‍ट।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने काम का हिसाब देते हुए कहा कि वाराणसी शहर ही नहीं, आसपास के गांवों को भी सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं उपलब्‍ध कराई गई हैं। 550 करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का या तो लोकार्पण हुआ है या फिर शिलान्यास। वह अपने जन्मदिन पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ मौजूद रहे।

पिछली सरकारों पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आप तो उस व्यवस्था के गवाह रहे हैं जब हमारी काशी को भोले के भरोसे  छोड़ दिया गया था। मैं न सिर्फ एक प्रधानमंत्री बल्कि सांसद के तौर पर भी अपने काम का हिसाब देना अपना दायित्व समझता हूं।’

उन्होंने बताया कि मडुआडीह फ्लाईओवर का काम पूरा हो चुका है। गंगा पर बने सामने घाट पुल के पूरा होने से रामनगर आना-जाना और आसान हुआ है। कई दशकों से अंधरा पुल को चौड़ा करने का काम अटका हुआ था। इस काम को भी पूरा किया गया है। रिंग रोड का काम फाइलों में दबा हुआ था। 2014 में हमने शुरू किया लेकिन यूपी में पहले की सरकार ने प्रॉजेक्ट में गति नहीं आने दी। योगी सरकार के आने के बाद तेजी से काम पूरा हुआ। बिहार नेपाल झारखंड मध्य प्रदेश जाने वाली सड़कों सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है।

उन्‍होंने बताया राष्‍ट्रीय राजमार्ग-7 के जरिये वाराणसी से सुलतानपुर, गोरखपुर,  हंडिया सड़क संपर्क मार्ग के लिए 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पूर्वी भारत के गेटवे के तौर पर वाराणसी का विकास किया जा रहा है।

वाराणासी में 557 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास करने के बाद मोदी ने कहा कि वाराणसी में वैदिक विज्ञान केंद्र और अटल इन्क्यूबेशन सेंटर की नींव रखी गई है। यह सेंटर ‘स्टार्ट अप’ को नई ऊर्जा देगा। वाराणसी में हो रहे विकास के गवाह यहां एयरपोर्ट पर आने वाले लोग भी बन रहे हैं। हवाई जहाज से वाराणसी आने वाले लोगों और टूरिस्टों की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है।

उन्होंने बताया कि आधे शहर से लटकते हुए तार गायब हो गए हैं। बाकी जगहों पर भी इन तारों को जमीन के भीतर बिछाने का काम तेजी से जारी है। बिजली से जुड़े पांच प्रॉजेक्ट में से एक में पुरानी काशी को बिजली के लटकते तारों से छुटकारा दिलाने का काम शुरू है। नए विद्युत उपकेंद्र से कम वोल्टेज की समस्या से छुटकारा मिलेगा।

पीएम ने बताया कि एलईडी बल्ब से रोशनी बढ़ी है और बिजली के बिल में कमी आई है। रेल से काशी आने वालों को अब स्टेशन पर ही नई काशी की तस्वीर नजर आती है। वाराणसी को छपरा और इलाहाबाद से जोड़ने के ट्रैक की डबलिंग का काम चल रहा है। वाराणसी से नई दिल्ली, वडोदरा और पटना जाने के लिए महामना जैसी ट्रेनें चलाई गई हैं।

उन्होंने सबसे अधिक चर्चित स्वच्छता अभियान की सफलता के बारे में कहा कि काशी ने स्वच्छता के मामले में परिवर्तन देखा है, गलियों, घाटों, सड़कों पर स्वच्छता नजर आती है। जापान के पीएम शिंज आबे समेत कई विदेशी नेताओं ने वाराणसी की तारीफ की है। जापान ने तो काशी को कन्वेंशन सेंटर का तोहफा भी दिया है।