पटना हाई कोर्ट ने बहुचर्चित तेजाब कांड में राजद के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की उम्र कैद की सजा बरकरार रखी है। बुधवार को हाई कोर्ट ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए शहाबुद्दीन की याचिका खारिज कर दी और सिवान कोर्ट की उम्र कैद की सजा को बरकरार रखा।

 13 साल पहले वर्ष 2004 में बिहार के सीवान जिले के चंद्रेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो बेटों गिरीश और सतीश को 16 अगस्त, 2004 को तेजाब से नहला कर मार डाला गया था। वो तड़प-तड़प कर रहम की दुहाई मांग रहे थे लेकिन शहाबुद्दीन ने अपनी आंखों के सामने उन्हें तेजाब से नहलाकर मार डाला था। इस घटना को सुनकर लोगों की रूह कांप गई थी।

सिवान के स्पेशल कोर्ट के फैसले को शहाबुद्दीन ने पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 30 जून, 2017 को पूरी करते हुए सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सिवान के स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में 11 दिसंबर, 2015 को शहाबुद्दीन को सजा सुनाई थी।

तेजाब हत्या कांड के नाम से चर्चित अपहरण एवं हत्या की इस वारदात से सिवान समेत पूरा बिहार कांप उठा था। कोर्ट ने इस जघन्य हत्याकांड में मोहम्मद शहाबुद्दीन के साथ-साथ राजकुमार साह, मुन्ना मियां एवं शेख असलम को भी उम्रकैद की सजा सुनाई थी। फिलहाल शहाबुद्दीन दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या मामले में उसे बिहार से दिल्ली के जेल में ट्रांसफर किया गया है।

इन मामलों में शहाबुद्दीन को हो चुकी है सजा 

  • 2007 में छोटेलाल अपहरण कांड में उम्र कैद की सजा
  • 2008 में विदेशी पिस्तौल रखने के मामले में 10 साल की सजा
  • 1996 में एसपी एसके सिंघल पर गोली चलाई थी, 10 साल की सजा
  • 1998 में माले कार्यालय पर गोली चलाई थी, दो साल की सजा
  • 2011 में सरकारी मुलाजिम राजनारायण के अपहरण मामले में 3 साल की सजा
  • बाइक चोरी मामले में 3 साल की सजा
  • जीरादेई में थानेदार को धमकाने के मामले में एक साल की सजा
  • सिवान के तेजाब कांड में उम्रकैद की सजा