नई दिल्ली। हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की मौत का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाने वाले पाकिस्तान पर कड़ा पलटवार करते हुए भारत ने कहा है कि पाकिस्तान आतंकवादियों का ‘गुणगान’ करता है और दूसरों के भूभाग के लालच में आतंकवाद का इस्तेमाल सरकारी नीति के तौर पर करता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के ट्रैक रिकॉर्ड की वजह से उसे अब तक संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन में सदस्यता नहीं मिल सकी है।  हाल के दिनों में पाकिस्तान को दिया गया भारत का यह सबसे करारा जवाब है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान की दूत मलीहा लोदी की ओर से संयुक्त राष्ट्र महासभा में मानवाधिकारों पर बहस के दौरान कश्मीर और वानी की मौत के बारे में जिक्र किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई। मलीहा ने अपने बयान में कश्मीर का तो मुद्दा उठाया ही था, भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा वानी की हत्या  का जिक्र भी किया और उसे ‘कश्मीरी नेता’ बताया।

यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए मलीहा पर बरसते हुए अकबरुद्दीन ने कहा कि यह खेदजनक है कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का ‘दुरुपयोग’ करने की कोशिश की। अकबरुद्दीन ने कहा, ”अफसोस है कि आज हमने संयुक्त राष्ट्र मंच के दुरुपयोग का प्रयास होते देखा।  यह प्रयास पाकिस्तान ने किया। एक ऐसा देश, जो दूसरों के भूभाग का लालच करता है, एक ऐसा देश, जो दिग्भ्रमित लक्ष्य की पूर्ति के लिए आतंकवाद को एक सरकारी नीति के रूप में इस्तेमाल करता है, एक ऐसा देश, जो आतंकियों का गुणगान करता है और संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित किए गए लोगों को पनाहगाह उपलब्ध करवाता है।  यह एक ऐसा देश है, जो मानवाधिकारों और स्वाधीनता का स्वांग रचता है।”

अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान का ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझाने में विफल रहा है कि उसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के इसी सत्र में मानवाधिकार परिषद की सदस्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, ”अंतरराष्ट्रीय समुदाय लंबे समय से ऐसे मंसूबे, स्वार्थी कोशिशें देखता आया है। इन्हें इस मंच में या संयुक्त राष्ट्र में कहीं और कोई तवज्जो नहीं मिली।” उन्होंने कहा कि एक ”विविध, बहुलतावादी और सहिष्णु” समाज होने के नाते कानून के शासन, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता उसके मूल सिद्धांतों में है। ‘हम वार्ता और सहयोग के जरिये सभी के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए और उसकी सुरक्षा करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं।”

पिछले सप्ताह सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में बुरहान वानी मारा गया था। इसके बाद अलगाववादियों की ओर से हुए हिंसक प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए सुरक्षाकर्मियों की ओर से की गई गोलीबारी में 37 लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर के तनावपूर्ण हालात पर चिंता जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून ने ‘सभी पक्षों से अत्यधिक संयम बरतने’ की अपील की है ताकि और अधिक हिंसा से बचा जा सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी चिंताओं का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से किया जाएगा। बान के प्रवक्ता ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र प्रमुख कश्मीर की हालिया झड़पों को करीब से देख रहे हैं और उन्हें दर्जनों लोगों की जान जाने और बहुत से लोगों के घायल हो जाने का ‘अफसोस’ है।