एक अच्छी खबर है होटलों और रेस्टोरेंट्स में आपको सर्विस चार्ज देना जरूरी नहीं होगा। बता दें कि होटलों और रेस्टोरेंट्स में 5 फीसदी से लेकर 20 फीसदी तक सर्विस चार्ज लगता था।

अगली बार रेस्त्रां या होटल खाने-पीने को जाते हैं और वहां सर्विस चार्ज मांगा जाता है तो आप उसे मना भी कर सकते हैं सरकार ने साफ किया है कि सर्विस चार्ज वैकल्पिक है, होटल या रेस्त्रां इसे देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।

सर्विस टैक्स और सर्विस चार्ज को लेकर हमेशा से ही भ्रम की स्थिति रही है। लेकिन ये समझना चाहिए कि सर्विस टैक्स सरकार के खजाने में जाता है। किसी भी एयरकंडीशंड रेस्त्रां में खाने-पीने पर सर्विस टैक्स देना अनिवार्य है। ध्यान देने की बात ये है कि वैट और दूसरे टैक्स या फिर सर्विस चार्ज को हटाने के बाद बची रकम के 40 फीसदी पर ही सर्विस टैक्स देना होता है जिससे इसकी प्रभावी दर 15 फीसदी ना होकर 6 फीसदी हो जाती है।

दूसरी ओर सर्विस चार्ज होटल या रेस्त्रां के गल्ले में जाता है। होटल और रेस्त्रां में सभी बेयरों के बीच बराबर-बराबर टिप बंटे, इसीलिए प्रबंधन सर्विस चार्ज लेता है जो बिल की कुल रकम के 5 से 20 फीसदी के बराबर होता है।

बता दें कि सर्विस चार्ज और सर्विस टैक्स में अंतर होता है और ये छूट सर्विस टैक्स नहीं बल्कि सर्विस चार्ज पर दी गई है।