संध्या द्विवेदी 

सौ रुपए में तीन डियोड्रेंट वह भी किसी नामी कंपनी के। ‘ली’ या ‘लिवाइस’ का टैग लगी हुई जींस। कंप्यूटर के पाइरेटिड सॉफ्टवेयर। जो चाहें वह मिलेगा। यह सभी इंटिलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट का उल्लंघन है। दिल्ली जैसी जगह में कई ऐसे मार्केट हैं जहां असली ब्रांड के कॉपी किए गजेट्स, कपड़े आसानी से मिल जाएंगे। यहां के दुकनदार बेतरह बेबाक हैं। हाल ही की बात है, कश्मीरी गेट मार्केट में मैट्रो से उतरकर किसी का इंतजार करते हुए रंग-बिरंगी घड़ियों पर मेरी नजर पड़ी थी। दुकानदार ने पूछा क्या लीजिएगा? टाइटन, मैक्स या सोनाटा! दो सौ रुपए में सोनाटा दे देंगे! मैंने कहा असली। उसने कहा-क्या मैडम जी, असली होता तो क्या रेहड़ी में बेच रहे होते। मैंने कहा कोई गारंटी! उसने फिर कहा, जी गारंटी चाहिए तो असली लीजिए न जाकर काहे हमारा टाइम बेस्ट कर रही हैं। गारंटी इस बात की है कि दूर से दिखने में यह बिल्कुल असली लगेगी। पर उस वक्त मुझे नहीं पता था कि मैं दिल्ली की एक कुख्यात बाजार में खड़ी हूं।

कुख्यात! जी हां, अमेरिका की ट्रेड यूनियन रिपरजंटेटिव ने एक सूची जारी की है। इस सूची में दुनियाभर के 40 बाजार हैं। 21 ऑनलाइन मार्केट हैं, बाकी फिजिकल यानी हाथ से लेन देन वाले बाजार। ऐसा अनुभव दिल्ली के कई मार्केट में न जाने कितने लोगों को रोज होता है। हां ये मार्केट उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं जिनका बटुआ असली महंगे प्रोडक्ट नहीं ले सकता। छात्र-छात्राओं की शॉपिंग के लिए भी य़ह एक अच्छा अड्डा होते हैं।

  अमेरिका की ट्रेड रिपरजंटेटिव आर्गेनाइजेशन हर साल ऐसी सूची जारी करता है। यह ऐसे बाजारों की सूची होती है जहां ऑनलाइन या फिर वास्तविक बाजारों में कॉपी राइट जैसे गंभीर मसले का उल्लंघन धड़ल्ले से होता है। इस बार सूची में चाइना के छह, भारत के तीन और नाइजीरिया और मैक्सिको के दो-दो मार्केट हैं। भारत में दिल्ली के कश्मीरी गेट मार्केट, उत्तरी दिल्ली के गांधी नगर मार्केट और चन्नई के बर्मा मार्केट का नाम है। हालांकि ऐसे कई और मार्केट आपको भारत में मिल जाएंगे। करोल बाग, सरोजनी नगर, नेहरु प्लेस, पालिका बाजार। मगर इन तीन बाजारों पर आखिर अमेरिका की नजर पड़ ही गई।

  इंटरनेशनल इंटीलेक्चुअल प्रॉपर्टी अलायंस ने यूनाइटिड स्टेट के ट्रेड रिपरजेंटेटिव के आफिस में 2006 में एक बैठक की थी। इस बैठक में तय हुआ था कि हर साल इस तरह की एक लिस्ट निकाली जाएगी। तब से लगातार सूची जारी हो रही है। कॉपी राइट के उल्लंघन को रोकना और सबकी नजर में लाना इस लिस्ट का मुख्य मकसद है।