नई दिल्ली।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हुर्रियत नेताओं की फंडिंग को लेकर प्रारंभिक जांच शुरू करने के आदेश दिए हैं। एजेंसी को शक है कि जम्मू कश्मीर में हाफिज सईद और पाक आधारित आतंकवादियों की ओर से हुर्रियत नेताओं एसएएस गिलानी,  नईम खान और अन्य को कश्मीर में हिंसा व दंगे फसाद कराने के लिए सीमा पार से फंडिंग की जा रही है।

दरअसल, एक न्‍यूज चैनल के स्टिंग ‘ऑपरेशन हुर्रियत’ से जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के चेहरे बेनकाब हो गए और एनआईए ने हुर्रियत नेताओं के खिलाफ जांच शुरू कर दी। स्टिंग में साफ हुआ था कि घाटी में पत्थरबाजी के लिए हुर्रियत को पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों और आईएसआई से फंडिंग होती है।

इस सिलसिले में एनआई ने सैयद अली शाह गिलानी,  नईम खान सहित कई अन्य हुर्रियत नेताओं की पड़ताल शुरू कर दी है। एनआईए ने स्टिंग की सीडी और फंडिंग से जुड़ी सारी जानकारी मांगी है। जांच के लिए एनआईए की टीम 19 मई को श्रीनगर भी पहुंची है।

इससे पहले 14 मई को आतंकवादी कमांडर जाकिर मूसा के ऑडियो संदेश और उसके हिजबुल मुजाहिद्दीन से अलग होने के बाद विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कश्मीरी अलगावादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी,  मीरवाइज उमर फारूक और यासिन मलिक ने राजनीतिक एकता बनाए रखने की अपील की थी।

गिलानी,  मीरवाइज और मलिक ने यहां एक संयुक्त बयान में कहा था, ‘सभी राजनीतिक और आतंकी संगठनों को आजादी संघर्ष का पालन करना चाहिए और एकजुटता कायम रखनी चाहिए। यह समय एकजुट रहने और सभी संबंधित धड़ों के बीच दृढ़ता और एकता की भावना के साथ इच्छित लक्ष्य का पालन करने का है।’ अलगाववादियों ने कहा कि संघर्ष महत्वपूर्ण चरण में है और लोगों को सावधान रहना चाहिए।

हुर्रियत और अलगाववादी नेता कश्मीरियों को बता रहे हैं कि अपने बच्चों को आर्मी स्कूलों में पढ़ने के लिए न भेजें। ये स्कूल आने वाली जनरेशन को उनके कल्चर और रिलीजन से दूर कर रहे हैं। जबकि इन नेताओं के पारिवारिक सदस्‍य और बच्चे विदेशों में उच्‍च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।

ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी कश्मीरी यूथ को ‘बड़े मकसद’ के लिए पढ़ाई छोड़ने को कहते हैं और पत्थरबाजी करने की ओर इशारा करते हैं। लेकिन,  उनके दो बेटे विदेशों में सेटल हैं। एक बेटा नईम गिलानी पाकिस्तान के रावलपिंडी में डॉक्टर है। उसने कुछ दिन पहले आर्मी-स्कूलों पर ब्रेन वॉश करने का आरोप लगाया था। गिलानी का दूसरा बेटा जहूर भारत की एक प्राइवेट एयरलाइन में क्रू मेंबर है। बेटी जेद्दा और उसके पति जेद्दा (सऊदी अरब) में इंजीनियर हैं।

इसी प्रकार गिलानी के गुट के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद अशरफ सेहराई ने अपने बेटे को बेस्ट एजुकेशन दी है। उनका बेटा आबिद सेहराई दुबई में कम्प्यूटर इंजीनियर है। अलगाववादी नेता मीर वाइज उमर फारूख की बहन रबीबा फारुख लंदन में रहती हैं और वो डॉक्टर हैं। इसी तरह जम्मू-कश्मीर में मूवमेंट चलाने वाली फरीदा बेहान्जी के बेटे रूमा मकबूल साउथ अफ्रीका में डॉक्टर हैं। गुलाम मुहम्मद सुमजी के बेटे जुगनू दिल्ली में मैनेजमेंट स्टूडेंट हैं।”