एक दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजदूत अकबरुद्दीन की ओर से आतंकी बुरहान वानी के मसले पर लताड़ लगाए जाने के बावजूद पाकिस्तान खुराफात से बाज नहीं आया। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान को शहीद बताते हुए नवाज शरीफ कैबिनेट ने कश्‍मीर पर प्रस्‍ताव पास कर 19 जुलाई को काला दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया है। साथ ही इस मसले पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी शरीफ सरकार ने घोषणा की है। इसके साथ ही यह साफ हो गया कि आतंकवाद पाकिस्तान की सरकारी नीति है। अमेरिका सहित वैश्विक समुदाय को पाकिस्तान को आतंक के पनाहगाह देश के रूप में घोषित करने के लिए इसके बाद किसी और सबूत की जरूरत नहीं होनी चाहिए।

पाकिस्तान इस मुद्दे को भुनाने का एक भी मौका गंवाना नहीं चाहता है। इसीलिए कश्मीर पर चर्चा कराने के लिए नवाज शरीफ ने संसद का विशेष संयुक्त सत्र बुलाया है। पाकिस्तानी इतिहास में यह पहली बार है जब कश्मीर मुद्दे को लेकर संयुक्त सत्र बुलाया गया है।

यूएन में की स्वतंत्र जांच की मांग

दूसरी तरफ भारत की तलाड़ के बावजूद पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर में हुई हिंसा की पारदर्शी और स्वतंत्र जांच की मांग की है। पाकिस्तान ने कहा है कि कश्मीर में परिस्थिति शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। यूएन में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने महासचिव बान की मून के अंडर सेक्रेटरी एडमंड मुलेट से मुलाकात की और जांच के लिए जोर दिया। नवाज सरकार कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जाने की बात भी कह रही है।

नवाज कैबिनेट की बैठक में साफ किया गया कि पाकिस्तान सरकार कश्मीर के लोगों को नैतिक, राजनीतिक और कूटनीतिक समर्थन देती रहेगी। इस बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा एम आसिफ ने भड़काऊ ट्वीट करते हुए आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद कश्मीर में हुई हिंसा की तुलना 2002 के गुजरात दंगों से की। पाक रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, ‘भारत के कब्जे वाले कश्मीर में हिंसा मोदी की ओर से गुजरात में शुरू की गई धर्म आधारित सफाई का विस्तार और उसका दोहराव है।’ इससे पूर्व पाकिस्तान सरकार और आतंकी हाफिज सईद ने पिछले दिनों मारे गए आतंकी बुरहान वानी को कश्मीरी नेता बताकर माहौल को और भड़का दिया था। गौरतलब है कि कश्मीर में हुए एनकाउंटर में बुरहान वानी के मारे जाने के बाद भड़की हिंसा में अब तक 36 लोगों की मौत हुई है।

हालांकि पाकिस्तान के इस बयान के बाद भारत ने कहा कि कश्मीर हिंसा पर पाकिस्तान के बयानों से उसके ‘आतंकवाद को शह’ देने की पुष्टि होती है। कश्मीर में आतंकवाद पर पाकिस्तान के भड़काऊ बयानों पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने सख़्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘पाकिस्तान को हमारी सलाह है कि वह अपने पड़ोसियों के आंतरिक मामलों में दखल देने से परहेज करे।’

नवाज ने दिया था ये बयान
जैसे ही पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आतंकी बुरहान वानी को ‘कश्मीरी नेता’ बताया, वैसे ही भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों से दूर रहने की चेतावनी जारी दी। नवाज ने कहा था कि वानी की मौत के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ अत्यधिक और गैरकानूनी ढंग से बल प्रयोग किया गया है जो निंदनीय है। इस तरह के दमनकारी कदम जम्मू-कश्मीर की जनता को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्पों के आलोक में आत्म निर्णय के उनके अधिकारों का इस्तेमाल करने से विचलित नहीं कर सकते हैं।